यह ख़बर 02 दिसंबर, 2011 को प्रकाशित हुई थी

लोकपाल पर अन्ना और उनकी टीम में मतभेद

खास बातें

  • अन्ना ने कहा है कि अगर सरकार राहुल गांधी वाला लोकपाल लाती है तो उन्हें कोई ऐतराज नहीं होगा वहीं उनकी टीम की राय इससे बिलकुल अलग है।
नई दिल्ली:

लोकपाल बिल को लेकर अन्ना और उनकी टीम के बीच मतभेद पैदा हो गए हैं। अन्ना हजारे ने कहा है कि अगर सरकार राहुल गांधी वाला लोकपाल लाती है तो उन्हें कोई ऐतराज नहीं होगा लेकिन शर्त यह है कि इसके कामकाज में सरकार का कोई दखल न हो। राहुल गांधी ने लोकपाल को चुनाव आयोग की तरह संवैधानिक दर्जा देने की बात संसद में कही थी। अन्ना का यह बयान अपनी टीम से अलग है जो यह कहती है कि सरकार लोकपाल बिल को लटकाए रखने के लिए संवैधानिक दर्जा देने की बात कर रही है। टीम अन्ना की सदस्य किरण बेदी का कहना है कि संवैधानिक दर्जा देने की बात करना लोकपाल बिल की हत्या का तरीका है क्योंकि इसके लिए दो−तिहाई बहुमत की जरूरत होगी जो बहुत ही मुश्किल है।


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