खास बातें
- अन्ना ने पवार को थप्पड़ मारे जाने पर दी गई अपनी प्रतिक्रिया को सही ठहराते हुए कहा है कि न ही वह गांधी हैं और न ही पवार को पड़ा थप्पड़ हिंसा था।
रालेगण सिद्धी: अन्ना हजारे ने कृषि मंत्री शरद पवार को थप्पड़ मारे जाने की घटना के बाद दी गई अपनी प्रतिक्रिया को सही ठहराते हुए कहा है कि न ही वह गांधी हैं और न ही पवार को पड़ा थप्पड़ हिंसा था। अन्ना ने अपने ताजा ब्लॉग में कहा है कि उनकी तुलना महात्मा गांधी से करना ठीक नहीं है, क्योंकि वह महात्मा गांधी के पास भी बैठने के काबिल नहीं हैं। उन्होंने कहा कि वह गांधी जी को आदर्श जरूर मानते हैं, लेकिन कभी−कभी शिवाजी का आदर्श भी सामने रखते हैं। अन्ना ने पवार पर निशाना साधते हुए कहा कि भ्रष्ट लोगों को बचाने की पवार की बहुत पुरानी आदत है। उन्होंने यह भी कहा कि पवार के समर्थकों ने उन्हें गंदी गालियां दीं, जो उन्होंने रिकॉर्ड करके रखा है और अब वह उन्हें बजाकर जनता को सुनाएंगे। इस बीच, अन्ना 10 दिसंबर को दिल्ली के लिए रवाना होंगे और 11 दिसंबर को उनका जंतर-मंतर पर एक दिन का धरना देने का इरादा है। पीठ में दर्द की वजह से डॉक्टरों ने उन्हें आराम करने की सलाह दी है, लेकिन अन्ना इस सलाह को नजरअंदाज करते हुए दिल्ली जाएंगे। उनके समर्थन में रालेगण सिद्धी के लोगों ने भी एक दिन के अनशन का फैसला किया है। अन्ना हजारे जंतर−मंतर पर सभी दलों के नेताओं को लोकपाल पर खुली बहस में बुलाना चाहते हैं, लेकिन किसी भी राजनीतिक दल ने अब तक खुलकर इस पर अपनी राय जाहिर नहीं की है।