यह ख़बर 02 दिसंबर, 2011 को प्रकाशित हुई थी

'राहुल के हस्तक्षेप से हुआ लोकपाल बिल में बदलाव'

खास बातें

  • अन्ना हजारे ने लोकपाल विधेयक पर संसदीय समिति के रुख में बदलाव के लिए कांग्रेस महासचिव राहुल गांधी को जिम्मेदार ठहराया।
नई दिल्ली:

वरिष्ठ सामाजिक कार्यकर्ता अन्ना हजारे ने शुक्रवार को लोकपाल विधेयक पर संसदीय समिति के रुख में बदलाव के लिए कांग्रेस महासचिव राहुल गांधी को जिम्मेदार ठहराया। अन्ना हजारे ने कहा कि राहुल के हस्तक्षेप की वजह से समूह-सी के कर्मचारियों को लोकपाल के दायरे में लाने के खिलाफ निर्णय हुआ। अन्ना हजारे ने पत्रकारों से कहा, "ऐसा लगता है कि सरकार में कोई सहयोग नहीं है। स्थायी समिति ने समूह-सी को लोकपाल के दायरे में लाने का निर्णय किया था और अब राहुल गांधी ने कुछ और सुझाया होगा।" उन्होंने कहा, "लोकपाल के दायरे से समूह-सी और समूह-डी को बाहर रखने के फैसले को राहुल गांधी ने अवश्य प्रभावित किया होगा। राहुल ने सुझाया था कि लोकपाल को संवैधानिक संस्था बनाया जाना चाहिए लेकिन उस समय सरकार की ओर से कोई हस्तक्षेप नहीं हुआ।" अन्ना हजारे ने कहा, "इसके अलावा एक फैसले को बदलने का और कौन सा कारण हो सकता है? मेरा मानना है कि राहुल गांधी ने समूह-सी और समूह-डी के कर्मचारियों को लोकपाल के दायरे शामिल न करने के लिए अवश्य कहा होगा।" ज्ञात हो कि सामाजिक कार्यकर्ता लोकपाल विधेयक का परीक्षण कर रही संसदीय समिति के निर्णय का हवाला दे रहे थे। समिति ने समूह-सी के करीब 60 लाख कर्मचारियों को लोकपाल के दायरे से बाहर रखने का फैसला किया है। जबकि इस मसौदा रिपोर्ट पर 31 सदस्यों वाली समिति के 10 सदस्यों ने गुरुवार को अपना विरोध दर्ज कराया। अन्ना हजारे ने कहा कि वह एक प्रभावी लोकपाल विधेयक की मांग को लेकर आगामी 27 दिसम्बर से अनशन पर बैठेंगे। उन्होंने कहा, "जब हम 27 दिसम्बर से अनशन पर बैठेंगे तो आप सुनेंगे कि देश के लोगों का आप से क्या कहना है। एक प्रभावी लोकपाल विधेयक का वादा किसी कार्यालय के एक लिपिक का नहीं था, इसका वादा देश के मुखिया ने किया था और अब जनता के साथ धोखा किया जा रहा है।" अन्ना हजारे ने कहा कि वह 11 दिसम्बर को नई दिल्ली के जंतर-मंतर पर एक दिन के धरने पर भी बैठेंगे।


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