यह ख़बर 17 दिसंबर, 2011 को प्रकाशित हुई थी

मजबूत लोकपाल विधेयक लाओ या जाओ : हजारे

खास बातें

  • अन्ना ने देश के 'लोगों के साथ धोखा करने' का आरोप लगाते हुए केंद्र की सम्प्रग सरकार से कहा कि मजबूत लोकपाल विधेयक पारित करो या फिर सत्ता छोड़ो।
बेंगलुरू:

समाजसेवी अन्ना हजारे ने देश के 'लोगों के साथ धोखा करने' का आरोप लगाते हुए केंद्र की संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (सम्प्रग) सरकार से कहा कि मजबूत लोकपाल विधेयक पारित करो या फिर सत्ता छोड़ दो। उन्होंने लोगों से आह्वान किया कि अगर ऐसा नहीं होता है तो वह प्रदर्शन करें एवं जेल भरें। बेंगलुरू में शनिवार को आयोजित लोकायुक्त बचाओ रैली में उन्होंने कहा, "मैं नई दिल्ली में 27 दिसंबर से अनशन पर बैठूंगा और आप लोग राष्ट्रीय झंडा लेकर 'भारत माता की जय', 'वंदे मातरम' एवं 'इंकलाब जिंदाबाद' के नारे लगाते हुए प्रदर्शन करें।" उत्साहित भीड़ से हजारे ने कहा, "यदि विधेयक पारित नहीं हुआ तो तीन दिन बाद आप जेल भर देंगे।" हजारे ने लोगों से मजबूत लोकपाल का विरोध करने वाले सांसदों के घरों का घेराव करने का भी आह्वान किया। उन्होंने आगाह किया कि इस दौरान हिंसा न हो। केंद्र सरकार को झूठी सरकार की संज्ञा देते हुए हजारे ने कहा, "वे मुझे नहीं देश के लोगों को धोखा दे रहे हैं।" उन्होंने कहा मजबूत लोकपाल के आने तक विरोध जारी रहेगा। हजारे ने कहा कि उनका लक्ष्य सरकार को गिराना नहीं है। उन्होंने कहा, "सरकार को गिराकर उनका लक्ष्य पूरा नहीं होगा क्योंकि दूसरी सरकार भी ऐसा ही काम करेगी।" उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ईमानदार और अच्छे आदमी हैं लेकिन दूसरों के इशारों पर चलते हैं। हजारे ने कहा कि अगर लोकपाल कानून होता तो केंद्रीय गृहमंत्री पी. चिदम्बरम जेल में होते। कर्नाटक में लोकायुक्त संस्था को बचाने के लिए अन्ना हजारे ने शनिवार को बेंगलुरू में विशाल रैली का नेतृत्व किया। कर्नाटक देश का पहला राज्य था जहां 1986 में लोकायुक्त की स्थापना हुई। लेकिन करीब तीन महीने से यहां लोकायुक्त का पद खाली पड़ा है। नये लोकायुक्त के नाम की घोषणा में हो रही देरी के विरोध में फ्रीडम पार्क में आयोजित इस रैली में छात्र, गृहणियां, बुजुर्गो सहित नौकरीपेशा लोगों ने शिरकत की। कांग्रेस के नेता एवं राज्यपाल एचआर भारद्वाज एवं डीवी सदानंद गौड़ा के नेतृत्व वाली भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की सरकार के बीच इस मुद्दे पर मतभेद के कारण नियुक्ति में देरी हो रही है। भारद्वाज ने राज्य मंत्रिमंडल द्वारा प्रस्तावित केरल उच्च न्यायालय के पूर्व मुख्य न्यायाधीश एसआर बन्नूमठ के नाम को विवादों में आने के कारण ठुकरा दिया। बन्नूमठ पर सामुदायिक इस्तेमाल के लिए निर्धारित भूमि पर मकान बनाने का आरोप है। जबकि मुख्यमंत्री, उनके मंत्री और प्रदेश भाजपा के अध्यक्ष बन्नूमठ के नाम पर जोर दे रहे हैं। इससे पहले कर्नाटक के लोकायुक्त का पद सम्भालने के 45 दिनों के अंदर ही न्यायमूर्ति शिवराज वी. पाटिल ने इस्तीफा दे दिया था। उन पर भी नियमों का उल्लंघन कर दो घर आवंटित कराने का आरोप लगा था। अन्ना हजारे के नेतृत्व में निकली गई इस रैली में कर्नाटक के पूर्व लोकायुक्त न्यायमूर्ति एन. संतोष हेगड़े, भारतीय पुलिस सेवा की पूर्व अधिकारी किरण बेदी और स्वतंत्रता सेनानी एसएस दुरईस्वामी ने सम्बोधित किया।


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