सिर्फ कर्ज माफी के ऐलान से नहीं हल होगी किसानों की समस्या : नीतीश कुमार

नीतीश ने कहा कि फसलों के लिए अपर्याप्त और कम खरीद मूल्य वर्तमान कृषि संकट का आधार है.

खास बातें

  • 'किसानों की असली समस्या फसलों की वाजिब कीमत नहीं मिलना है'
  • 'लागत मूल्य पर 50% मुनाफा जोड़कर न्यूनतम समर्थन मूल्य तय हो'
  • 'पीएम मोदी किसानों से किए वादे को पूरा करें'
पटना:

बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने किसान आंदोलनों को लेकर मोदी सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि किसानों को उचित मूल्य नहीं मिल रहा है. उन्होंने कहा कि किसानों की उपज के लिए अपर्याप्त और कम खरीद मूल्य वर्तमान कृषि संकट का आधार है. नीतीश ने कहा कि कर्ज माफी किसानों और कृषि क्षेत्र की समस्या का समाधान नहीं है. जब तक किसानों को उनकी लागत का 50 प्रतिशत मुनाफा जोड़कर फसलों का न्यूनतम समर्थन मूल्य तय नहीं किया जाता है, तब उनकी समस्या का स्थायी हल नहीं हो सका है.

सोमवार को अपने 'जन संवाद' कार्यक्रम के बाद पत्रकारों से बातचीत करते हुए नीतीश ने मध्य प्रदेश और देश के अन्य हिस्सों में किसानों के प्रदर्शन पर पहली बार अपनी प्रतिक्रिया दी. उन्होंने साफ तौर पर कहा कि कर्ज लेने वाले और कर्ज न लेने वाले दोनों तरह के किसानों की असली समस्या उनकी फसलों का सही मूल्य न मिल पाना है. नीतीश ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से इस मुद्दे पर पहल करने की मांग की कि और कहा कि पीएम मोदी को चुनाव पूर्व अपने द्वारा और अपनी पार्टी (बीजेपी) के घोषणा पत्र में किए गए वादों को पूरा करना चाहिए. नीतीश ने कहा कि पूरे देश में कृषि क्षेत्र में संकट जारी है. फसलों की लागत बढ़ी है और किसान संकट में हैं. कर्ज माफी एक मुद्दा है, लेकिन यह किसानों की सभी समस्याओं का हल नहीं है. असली समस्या यह है कि किसानों को लागत के अनुसार वाजिब कीमत नहीं मिल रही है.

बिहार के मुख्यमंत्री ने कहा कि मोदी ने 2014 के लोकसभा चुनावों से पहले वादा किया था और इसे बीजेपी के घोषणा पत्र में भी शामिल किया गया था, उसके अनुसार किसानों को उनके लागत मूल्य के ऊपर 50 फीसदी मुनाफा जोड़कर न्यूनतम समर्थन मूल्य दिया जाए. किसानों की समस्याओं का इसी से निदान निकल सकता है.

नीतीश ने कहा कि फसल बीमा योजना किसानों के लिए कारगर नहीं है. बिहार का आंकड़ा देख लीजिए कि मुआवजे के रूप में कितने का भुगतान किया है. केवल प्रचार-प्रसार से नहीं चलने वाला है. कर्ज माफी होनी चाहिए, लेकिन यह भी तथ्य है कि जिन किसानों ने कर्ज नहीं लिया, वो भी संकट में हैं. बिहार में क्या किसानों की कर्ज माफ़ी के लिए उनकी सरकार कोई पहल करेगी, इस पर नीतीश ने कहा कि यहां किसानों में कर्ज लेने की प्रवृत्ति नहीं है. नीतीश ने कहा कि जो भी खेती का काम करता है, वो सब किसान हैं. किसानों की आमदनी बढ़े, इसके लिए केंद्र को पहल करना होगा. सिर्फ कृषि मंत्रालय का नाम बदल देने से किसानों का कल्याण नहीं हो पाएगा.
नीतीश ने केंद्रीय कृषि मंत्री राधामोहन सिंह पर भी जमकर चुटकी ली. राधामोहन सिंह पिछले सप्ताह अपने संसदीय क्षेत्र मोतिहारी में एक योग शिविर में भाग ले रहे थे. नीतीश ने कहा कि योग करते हुए उनकी तस्वीरें देखकर मुझे हंसी आ गई, कम से कम योग का आसन तो ठीक से करना चाहिए.


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