यह ख़बर 13 मार्च, 2013 को प्रकाशित हुई थी

जीओएम ने की यौन संबंधों में सहमति की आयु 18 से घटाकर 16 करने की सिफारिश

खास बातें

  • अपने मतभेदों को दूर करते हुए एक मंत्री समूह ने यौन संबंधों में सहमति की आयु 18 से घटाकर 16 करने की सिफारिश की और पीछा करने जैसे अपराधों पर कड़ी सजा का सुझाव दिया।
नई दिल्ली:

अपने मतभेदों को दूर करते हुए एक मंत्री समूह ने यौन संबंधों में सहमति की आयु 18 से घटाकर 16 करने की सिफारिश की और पीछा करने जैसे अपराधों पर कड़ी सजा का सुझाव दिया।

मंत्री समूह ने तेजी से काम करते हुए दूसरी बैठक में ही अपना काम पूरा कर लिया। इससे केन्द्रीय मंत्रिमंडल द्वारा कल आपराधिक कानून (संशोधन) विधेयक पर विचार का रास्ता साफ हो गया।

यौन संबंधों के लिए सहमति की उम्र विधेयक के अति संवेदनशील प्रावधानों में से एक थी इसी वजह से इसे केबिनेट ने मंगलवार को मंत्री समूह के हवाले किया था।

दूरसंचार मंत्री कपिल सिब्बल ने बताया, ‘हमने प्रस्तावित विधेयक के प्रत्येक प्रावधान पर विचार किया और तमाम मसले सुलझा लिए गए हैं। अब मामला केबिनेट के पास जाएगा और उम्मीद है कि इसे मंजूरी दे दी जाएगी।’

मंत्री समूह की बैठक में यौन संबंधों के लिए सहमति की उम्र 18 से घटाकर 16 करने पर आम सहमति हुई बशर्ते इसे संसद की मंजूरी मिले।

महिला और बाल कल्याण मंत्री कृष्णा तीरथ सहमति की आयु कम करने के किसी भी प्रयास का विरोध कर रही थीं।

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सूत्रों ने बताया कि मंत्री समूह की अध्यक्षता वित्त मंत्री पी चिदंबरम ने की। उन्होंने सुझाव दिया कि लगातार पीछा करने को गैर जमानती अपराध बना दिया जाए जबकि बदनीयती से घूरने का पहला अपराध जमानती अपराध हो।