इंस्टाग्राम पर हनीट्रैप से जवानों को सावधान करने के लिए सेना ने जारी की एडवाइजरी, इस खास प्रोफाइल का किया जिक्र

सेना की गाइडलाइंस के मुताबिक जवान सोशल मीडिया पर न वर्दी के साथ कोई फोटो लगा सकते हैं और न ही अपनी पहचान, रैंक, पोस्टिंग और अन्य जानकारियां ही उजागर कर सकते हैं. 

इंस्टाग्राम पर हनीट्रैप से जवानों को सावधान करने के लिए सेना ने जारी की एडवाइजरी, इस खास प्रोफाइल का किया जिक्र

2015 से 2017 के बीच हनी-ट्रैपिंग के पांच मामले सामने आए थे.

खास बातें

  • सेना के जवानों और अधिकारियों को निशाना बना रहे दुश्मन जासूस
  • खुफिया एजेंसियां ट्रैक कर रहीं हैं संदिग्ध सोशल मीडिया अकाउंट्स
  • सेना में सोशल मीडिया के इस्तेमाल पर हैं सख्त गाइडलाइंस
नई दिल्ली:

भारतीय सेना  के खुफिया विभाग ने सोमवार को जवानों के लिए हनी ट्रैप से संबंधित एक एडवाइजरी जारी की है. इसमें कहा गया है कि दु्श्मन के संदिग्ध जासूस सेना के अधिकारियों और स्पेशल फोर्सेस के जवानों को निशाना बना रहे हैं. सैन्य खुफिया निदेशालय की इस एडवाइजरी में संदिग्ध जासूस की तस्वीर के साथ इंस्टाग्राम प्रोफ़ाइल 'ओएसोम्या' का हवाला दिया गया है. फिलहाल ये अकाउंट सेवा में नहीं है.  सेना के खुफिया विभाग को गुप्त जानकारी चुराने की कोशिश करने वाले लोगों से निपटने की भी जिम्मेदारी सौंपी जाती है. इसमें सैन्य इलाकों में दुश्मन के जासूसों का पता लगाना भी शामिल है. 

बता दें 2015 से 2017 के बीच हनी-ट्रैपिंग के पांच मामले सामने आए थे. इसके बाद सरकार ने फरवरी में इस बारे में राज्यसभा को सूचित किया था.  इनमें से चार मामले थल सेना से और एक वायु सेना से जुड़ा था. 

ISI की 'अनिका चोपड़ा' से चैटिंग कर सूचनाएं लीक करता था जवान, हनी ट्रैप के आरोप में गिरफ्तार

जनवरी में सोशल मीडिया पर हनीट्रैप में फंसने के बाद पाकिस्तान की जासूसी एजेंसी आईएसआई को सूचना देने के मामले में एक जवान को गिरफ्तार किया गया था. सोमबीर नाम के इस जवान को राजस्थान के जैसलमेर जिले में तैनात किया गया था. वह फेसबुक पर रोजाना अनिका चोपड़ा नाम की प्रोफाइल से बातचीत करता था, जिसका संचालन आईएसआई कर रही थी. जवान ने अपनी यूनिट और उसके मूवमेंट के बारे में जानकारी दी थी. हालांकि संवेदनशील सूचनाएं रखने के मामले में जवान बहुत जूनियर था. इस गिरफ्तारी के बाद सेना ने पाकिस्तान से संचालित होने वाले कई संदिग्ध सोशल मीडिया अकाउंट को ट्रैक किया था. 

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पिछले साल फरवरी में भी 51 वर्षीय वायुसेना के ग्रुप कैप्टन अरुण मारवाहा को पाकिस्तानी एजेंट्स को गोपनीय सूचनाएं और दस्तावेज लीक करने के मामले में गिरफ्तार किया गया था.

बता दें सेना में सोशल मीडिया के इस्तेमाल पर सख्त गाइडलाइंस हैं.  इनके  मुताबिक सेना के जवान सोशल मीडिया पर न वर्दी के साथ कोई फोटो लगा सकते हैं और न ही अपनी पहचान, रैंक, पोस्टिंग और अन्य जानकारियां ही उजागर कर सकते हैं. 

वीडियो: हनी ट्रैप में वायुसेना का अफ़सर, हुआ गिरफ्तार

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