भारत-चीन गतिरोध के बाद सेना की उत्तरी कमान के चीफ ने लद्दाख का दौरा किया

उत्तरी कमान के जनरल ऑफिसर कमांडिंग-इन-चीफ लेफ्टिनेंट जनरल रणबीर सिंह ने सोमवार को इस क्षेत्र का दौरा किया और सैनिकों से बातचीत की

भारत-चीन गतिरोध के बाद सेना की उत्तरी कमान के चीफ ने लद्दाख का दौरा किया

सेनी की उत्तरी कमान के प्रमुख लेफ्टिनेंट जनरल रणबीर सिंह ने सोमवार को लद्दाख का दौरा किया.

खास बातें

  • गश्त कर रहे भारतीय सैनिकों को चीनी सैनिकों ने रोक लिया था
  • प्रतिकूल परिस्थितियों में कर्तव्य निभाने वाले सैनिकों की प्रशंसा की
  • प्रतिनिधिमंडल स्तर की वार्ता के जरिए विवाद सुलझाया गया
नई दिल्ली:

पूर्वी लद्दाख में भारतीय और चीनी सैनिकों के बीच एक संक्षिप्त गतिरोध के बाद सेना की उत्तरी कमान के जनरल ऑफिसर कमांडिंग-इन-चीफ लेफ्टिनेंट जनरल रणबीर सिंह ने सोमवार को इस क्षेत्र का दौरा किया और सैनिकों से बातचीत की. लेफ्टिनेंट जनरल सिंह को इस क्षेत्र में इस्तेमाल की जाने वाली एक इंटरसेप्टर नाव पर देखा गया. उन्होंने सैनिकों की एक सभा को संबोधित किया. इस यात्रा का उद्देश्य शायद अपनी सीमाओं की रक्षा के लिए भारत की प्रतिबद्धता के बारे में चीनी सेना को एक स्पष्ट संदेश देना है.

सेना ने एक बयान में कहा गया, "उन्होंने परिचालन की स्थिति और क्षेत्र में तत्परता बनाए रखने की जानकारी दी." सेना के मुताबिक लेफ्टिनेंट जनरल रणबीर सिंह ने अग्रिम स्थानों पर तैनात सैनिकों से बातचीत की और प्रतिकूल परिस्थितियों में कर्तव्य के प्रति अत्यधिक समर्पण के साथ काम करने पर उनकी प्रशंसा की. उन्होंने उनसे भारतीय सेना के व्यावसायिक उच्चतम मानकों को कायम रखने का आग्रह किया.

सेना के सूत्रों ने कहा कि भारतीय और चीनी सैनिकों के बीच बुधवार को दिन भर के गतिरोध को प्रतिनिधिमंडल स्तर की वार्ता के जरिए सुलझाया गया.

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द टाइम्स ऑफ इंडिया की एक रिपोर्ट के मुताबिक, भारतीय सैनिक बुधवार की सुबह पैंगोंग झील के उत्तरी किनारे पर गश्त कर रहे थे, तब उन्हें चीनी सैनिकों ने रोक लिया. तिब्बत से लद्दाख तक फैले उच्च ऊंचाई वाले क्षेत्र में दो तिहाई झील चीन द्वारा नियंत्रित है. अखबार के अनुसार इसके बाद जल्द ही दोनों पक्षों के बीच गतिरोध शुरू हो गया. दोनों ने अतिरिक्त सैन्य के लिए कॉल किया. यह शाम तक जारी रहा.

सेना के एक सूत्र ने कहा कि इस मामले को कल प्रतिनिधिमंडल स्तर की वार्ता के बाद पूरी तरह से समाप्त कर दिया गया है. यह एलएसी (वास्तविक नियंत्रण रेखा) की अलग-अलग धारणाओं के कारण होता है. ऐसी घटनाओं को हल करने के लिए स्थापित तंत्र हैं.

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यह पहली बार नहीं है जब पर्यटकों को आकर्षित करने वाली लद्दाख की पैंगांग झील के आसपास भारतीय और चीनी सैनिकों के बीच गतिरोध की घटना हुई है. अगस्त 2017 में दोनों पक्षों के सैनिकों के बीच गतिरोध का एक वीडियो सोशल मीडिया पर व्यापक रूप से प्रसारित हुआ था, जिसमें दोनों देशों के कई सैनिकों को एक-दूसरे को मारते और पत्थर फेंकते हुए दिखाया गया था. यह घटना स्वतंत्रता दिवस पर हुई थी, जब चीनी सैनिकों ने पैंगोंग झील के किनारे भारतीय इलाके में घुसने की कोशिश की थी. भारतीय सैनिकों ने उन्हें रोक दिया था.

पैंगांग झील के अपने हिस्से की रक्षा करने के लिए, भारतीय सेनाएं अमेरिका से खरीदी गई हाई-स्पीड इंटरसेप्टर नौकाओं से लैस हैं, जिसमें लगभग 15 सैनिक बैठ सकते हैं. यह नौकाएं रडार, इन्फ्रारेड सेंसर और ग्लोबल पोजिशनिंग सिस्टम से लैस हैं. इन नावों का उपयोग टोह लेने और क्षेत्र में गश्त करने के लिए किया जाता है.

VIDEO : पैंगोंग झील के पास भारतीय और चीनी सैनिकों के बीच धक्का-मुक्की

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