अरविंद केजरीवाल को झटका, अरुण जेटली द्वारा दायर मानहानि केस को खारिज करने से दिल्‍ली हाईकोर्ट का इंकार

अरविंद केजरीवाल को झटका, अरुण जेटली द्वारा दायर मानहानि केस को खारिज करने से दिल्‍ली हाईकोर्ट का इंकार

सीएम अरविंद केजरीवाल (फाइल फोटो)

खास बातें

  • आप के अन्‍य पांच नेताओं के खिलाफ भी जेटली ने यह केस दायर किया था
  • याचिका में कोई दम नहीं है. यह खारिज की जाती है' : हाईकोर्ट
  • न्याय के लिए इस अदालत के आदेश की आवश्यकता है : दिल्ली हाईकोर्ट
नई दिल्ली:

दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को आज उस वक्‍त बड़ा झटका लगा, जब दिल्ली उच्च न्यायालय ने वित्त मंत्री अरुण जेटली द्वारा उनके और आम आदमी पार्टी के अन्य नेताओं के खिलाफ दायर मानहानि के फौजदारी मामले मे निचली अदालत की कार्यवाही पर रोक लगाने की उनकी याचिका खारिज कर दी. अदालत ने कहा कि 'इसमें दम नहीं है'.

न्यायमूर्ति पीएस तेजी ने कहा, 'मुख्य मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट के समक्ष अदालत की कार्यवाही स्थगित करने के याचिकाकर्ता के अनुरोध को खारिज किया जाता है, क्योंकि इसमें दम नहीं है और मौजूदा याचिका खारिज की जाती है'. अदालत ने कहा, 'इस अदालत के समक्ष कुछ भी ऐसा नहीं पेश किया गया, जिससे यह लगे कि सीएमएम के समक्ष फौजदारी कार्यवाही कानूनी प्रक्रिया का दुरूपयोग है और न्याय के लिए इस अदालत के आदेश की आवश्यकता है'.

अदालत ने कहा कि 'इस अदालत की राय है कि सीएमएम का 19 मई 2016 का आदेश, जिसमें कार्यवाही जारी रखने की बात की गई थी, वह दुराग्रह, अनौचित्य, अवैधता और टिकने लायक नहीं होने की बातों से मुक्त है. इसलिए अदालत सीआरपीसी की धारा 482 के तहत अंतर्निहित अधिकार क्षेत्र का इस्तेमाल करने पर मजबूर नहीं है.

उल्‍लेखनीय है कि केजरीवाल और आम आदमी पार्टी के अन्‍य पांच नेताओं के खिलाफ जेटली ने यह केस दायर किया था. उन पर सार्वजनिक रूप से भ्रष्‍टाचार का आरोप लगाया था. केजरीवाल ने जेटली को डीडीसीए में कथित भ्रष्‍टाचार में शामिल होने का आरोप लगाया था.

उच्च न्यायालय ने केजरीवाल के उस अनुरोध पर 25 जुलाई को अपना फैसला सुरक्षित रखा था जिसमें निचली अदालत के 19 मई के आदेश को चुनौती दी गई थी.


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