अरुण जेटली मानहानि मामला : अरविंद केजरीवाल की अर्जी पर हाईकोर्ट 31 अक्टूबर को सुनाएगा फैसला

केजरीवाल ने हाईकोर्ट में कहा है कि जेटली 1999 से 2013 तक डीडीसीए के चेयरमैन थे. ऐसे में उनका आमना-सामना कराने के लिए उस दौरान की मीटिंग के ब्योरे की जरूरत है.

अरुण जेटली मानहानि मामला : अरविंद केजरीवाल की अर्जी पर हाईकोर्ट 31 अक्टूबर को सुनाएगा फैसला

सीएम अरविंद केजरीवाल की अर्जी पर दिल्ली हाईकोर्ट सुनाएगा फैसला

खास बातें

  • अरविंद केजरीवाल की अर्जी पर 31 अक्टूबर को फैसला
  • DDCA से मीटिंग संबंधी दस्तावेज मांगे जाएं
  • दिल्ली हाईकोर्ट फैसला करेगा दस्तावेज मांगे जाएं या नहीं
नई दिल्ली:

केंद्रीय मंत्री अरुण जेटली द्वारा अरविंद केजरीवाल के खिलाफ सिविल मानहानि का मामले में दिल्ली हाईकोर्ट केजरीवाल की अर्जी पर 31 अक्तूबर को फैसला सुनाएगा. केजरीवाल ने हाईकोर्ट में कहा है कि जेटली 1999 से 2013 तक डीडीसीए के चेयरमैन थे. ऐसे में उनका आमना-सामना कराने के लिए उस दौरान की मीटिंग के ब्योरे की जरूरत है. लिहाजा डीडीसीए को समन करके जारी करके मीटिंग संबंधी दस्तावेज तलब किए जाएं.

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वहीं अरुण जेटली की तरफ से कोर्ट में कहा गया कि अरविंद केजरीवाल की तरफ से यह ट्रायल में देरी करने का तरीका है. हाईकोर्ट ने केजरीवाल की अर्जी पर अपना फैसला सुरक्षित रखा है. 31 अक्तूबर को कोर्ट तय करेगा कि इस मामले में डीडीसीए को समन जारी कर दस्तावेज मांगे जाए या नहीं.

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इससे पूर्व केंद्रीय मंत्री अरुण जेटली ने दिल्ली हाईकोर्ट में मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल पर डीडीसीए में अनियमितताओं के आरोपों के संबंध में मीडिया में झूठा विवाद पैदा करने का आरोप लगाया था. केजरीवाल और आम आदमी पार्टी के नेताओं के खिलाफ दायर दीवानी मानहानि वाद के मामले में संयुक्त रजिस्ट्रार पंकज गुप्ता के सामने गवाही देते हुए जेटली ने कहा था कि दिल्ली सचिवालय के एक वरिष्ठ अधिकारी के खिलाफ एक जांच एजेंसी द्वारा की गई कार्रवाई के कारण यह मुद्दा उठाया गया. केजरीवाल के वकील द्वारा उठाए गए सवाल के जवाब में भाजपा के वरिष्ठ नेता ने कहा कि 'राजनीतिक विरोधी' होने के नाते कांग्रेस सांसद के सी वेणुगोपाल ने संसद में मुद्दा उठाया और मैंने इसका तुरंत खंडन किया. जेटली ने कहा कि उन्हें लगता है कि संसद में कांग्रेसी सांसद द्वारा लगाए गए आरोप निष्पक्ष प्रकृति के नहीं थे, क्योंकि सामग्री आप नेताओं द्वारा लगाए गए आरोपों के समान थे.


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