पहली बार कहां मिले थे अरुण जेटली और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी

इसी इंटरव्यू में अरुण जेटली से पूछा गया कि वह पीएम मोदी से कब मिले थे. उनका कहना था कि जब 70 के दशक में उनकी मुलाकात दिल्ली विश्वविद्यालय में हुई थी जब वह पोस्ट ग्रेजुएशन कर रहे थे.

पहली बार कहां मिले थे अरुण जेटली और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी

अरुण जेटली ने 24 अगस्त को 12:07 मिनट पर अंतिम सांस ली है.

नई दिल्ली:

पूर्व वित्त मंत्री और बीजेपी के वरिष्ठ  नेता अरुण जेटली का 66 साल की उम्र में निधन हो गया है. वह कई बीमारियों से पीड़ित थे और काफी दिनों से एम्स में भर्ती थे. एम्स से मिली जानकारी के मुताबिक 24 अगस्त 2019 को दोपहर 12.07 बजे उन्होंने अंतिम सांस ली. अरुण जेटली के निधन से बीजेपी और उदारवादी दक्षिणपंथी राजनीति को बड़ा झटका लगा है. जेटली बीजेपी के ऐसे नेता थे जो संकटमोचक के तौर पर जाने जाते थे. देश के नामी गिरानी वकीलों में शुमार रहे अरुण जेटली राजनीति में तथ्यों के साथ बात रखने में माहिर थे. वह हमेशा बड़े मुद्दों पर बीजेपी की ओर से मोर्चा संभालते थे. जीएसटी,  नोटबंदी और हाल ही में हटाए गए अनुच्छेद 370 पर संसद में दिए गए उनके भाषण सोशल मीडिया पर खूब सुने जाते हैं. हालांकि जेटली  चुनावी राजनीति से दूर रहते और कमरे के अंदर बैठकर पार्टी के लिए रणनीति बनाते थे. साल 2014 में उन्होंने अमृतसर सीट से लोकसभा का चुनाव भी लड़ा था लेकिन कैप्टन अमरिंदर सिंह से वह हार गए थे. इस हार ने रुतबे को कम नहीं किया और पीएम मोदी ने उनको देश का वित्त मंत्री और कुछ समय के लिए उनको रक्षा मंत्री के रूप में भी काम किया. अरुण जेटली की सबसे बड़ी खास बात थी कि वह  विवादित मुद्दों पर जवाब भी बहुत आसान बनाकर देते थे. एनडीटीवी से बातचीत में जब उनसे  पूछा गया कि क्या वह हिंदुत्व की वजह से बीजेपी में आए थे. इस पर उनका जवाब था कि उस समय हिंदुत्व इतना बड़ा मुद्दा नहीं था, हां कश्मीर और अनुच्छेद 370 बड़ा मुद्दा था.

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इसके बाद जब उनसे राम जन्मभूमि आंदोलन से जुड़े सवाल पूछा गया तो उन्होंने साफ कहा कि वह अयोध्या आंदोलन को लेकर कभी असहज नहीं थे वहां मंदिर बनना चाहिए जो कि उनकी पार्टी की प्रतिबद्धता है. उन्होंने कहा, 'मैं ढांचे को गिराकर वहां पर मंदिर निर्माण के पक्ष में नहीं था. मैं कोर्ट और संसदीय प्रक्रिया  के तहत बनाने के पक्ष में हूं. 

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इसी इंटरव्यू में अरुण जेटली से पूछा गया कि वह पीएम मोदी से कब मिले थे. उनका कहना था कि जब 70 के दशक में उनकी मुलाकात दिल्ली विश्वविद्यालय में हुई थी जब वह पोस्ट ग्रेजुएशन कर रहे थे. वह एबीवीपी के ऑफिस में रहते थे. इसके बाद वह आरएसएस से बीजेपी में आ गए. इसके बाद उनके और मोदी के बीच काफी अच्छे संबंध हो गए और हमारा एक दूसरे पर विश्वास बढ़ता गया. उन्होंने इसी बातचीत में यह भी कहा कि जीएसटी और नोटबंदी से आने वाले समय में जीडीपी में फायदा होगा.

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