यदि लोकसभा में निर्वाचित सदस्‍य हैं तो क्‍या राज्‍यसभा भिखारियों का सदन है? : नरेश अग्रवाल

यदि लोकसभा में निर्वाचित सदस्‍य हैं तो क्‍या राज्‍यसभा भिखारियों का सदन है? : नरेश अग्रवाल

नरेश अग्रवाल ने अरुण जेटली से 'राज्‍यसभा की शक्तियों में कटौती' को रोकने का आग्रह किया.(फाइल फोटो)

खास बातें

  • नरेश अग्रवाल ने अरुण जेटली से किया आग्रह
  • कहा- राज्‍यसभा की शक्तियों में कटौती को रोकें
  • विपक्ष सरकार पर राज्‍यसभा की शक्तियों को कम करने का लगा रहा आरोप
नई दिल्‍ली:

समाजवादी पार्टी और बीजेपी ने भले ही हाल में यूपी में एक-दूसरे के खिलाफ जमकर चुनाव लड़ा लेकिन संसद में दोनों पक्षों के बीच उस वक्‍त सदाशयता का माहौल दिखा जब उच्‍च सदन राज्‍यसभा में बहस के दौरान सपा नेता नरेश अग्रवाल की तुलना 'हनुमान से की'. दरअसल बुधवार को नरेश अग्रवाल वस्‍तु एवं सेवा कर(जीएसटी) संबंधी चार बिलों पर हो रही बहस में हिस्‍सा ले रहे थे. इन बिलों को पिछले सप्‍ताह लोकसभा में पास किया गया था और उच्‍च सदन में बुधवार को पेश किया गया था. सरकार ने दरअसल इनको मनी बिल के रूप में पेश किया है.

इसका मतलब यह है कि राज्‍यसभा में इस पर सुझाए गए सुझावों को मानने के लिए सरकार बाध्‍य नहीं हैं. मनी बिल के रूप में पेश किए जाने का विपक्षी दल राज्‍यसभा में विरोध कर रहे हैं. विपक्षी दलों का आरोप है कि उच्‍च सदन को अप्रासंगिक बनाने का यह सरकार का तरीका है और सरकार इसी तरह से महत्‍वपूर्ण बिलों को पास कराना चा‍हती है. इसी क्रम में नरेश अग्रवाल ने बहस के दौरान वित्‍त मंत्री अरुण जेटली से 'राज्‍यसभा की शक्तियों में कटौती' को रोकने का आग्रह करते हुए कहा कि 'आप तो हमारे हनुमान हैं'.

दरअसल विपक्षी दलों का आरोप है कि सरकार में लोकसभा के पास जबर्दस्‍त बहुमत है और इसलिए वहां पर किसी भी बिल को पास कराने में सरकार को वहां कोई दिक्‍कत नहीं है लेकिन राज्‍यसभा में वह अल्‍पमत में है. सो ऐसे में वहां पर बिल को पास कराने के लिए सरकार को खासा दिक्‍कत होती है. इसलिए राज्‍यसभा में विपक्ष का आरोप है कि सरकार अहम बिलों को पास कराने के लिए इस तरह के तरीके अख्तियार कर रही है.

नरेश अग्रवाल ने सवालिया लहजे में यह भी कहा कि यदि लोकसभा निर्वाचित जनप्रतिनिधियों से बनती है तो क्‍या राज्‍यसभा भिखारियों का सदन है?


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