यह ख़बर 22 अगस्त, 2014 को प्रकाशित हुई थी

अरुण जेटली ने दिल्ली गैंगरेप को बताया 'छोटी वारदात', बाद में दी सफाई

अरुण जेटली की फाइल तस्वीर

नई दिल्ली:

केंद्रीय वित्तमंत्री अरुण जेटली द्वारा एक बयान में वर्ष 2012 के गैंगरेप कांड को 'दिल्ली में रेप की छोटी वारदात' करार दिए जाने की चौतरफा कड़ी आलोचना हो रही है। हालांकि अब अरुण जेटली ने सफाई देते हुए कहा है कि जो शब्द मैंने इस्तेमाल किया, उसे असंवेदनशील बताया गया, यह मेरा इरादा नहीं था...बयान को गलत समझा गया।

उल्लेखनीय है कि जेटली ने पर्यटन मंत्रियों की एक कॉन्फ्रेन्स में गुरुवार को कहा था, "दिल्ली में रेप की एक छोटी वारदात को दुनियाभर में दिखाया गया, और जहां तक वैश्विक पर्यटन (ग्लोबल टूरिज़्म) का सवाल है, हमें अरबों डॉलर का नुकसान हुआ..."

मंत्री जी ने यह भी कहा, "यह हमारा राष्ट्रीय उत्तरदायित्व है कि ऐसी वारदात नहीं होने दें..." हालांकि सरकारी प्रचार की जिम्मेदारी संभालने वाले प्रेस इन्फॉरमेशन ब्यूरो (पीआईबी) द्वारा शाम को जारी किए गए जेटली के बयान में से 'छोटी' शब्द निकाल दिया गया।

इसके बाद रक्षामंत्री एवं वित्तमंत्री की टिप्पणी और वस्तुतः उस पर आलोचना से बचने के पीआईबी के इन प्रयासों के बाद निंदा का चौतरफा दौर शुरू हो गया। गैंगरेप की शिकार इस लड़की की मां ने अरुण जेटली के बयान पर प्रतिक्रिया में कहा, "मुझे इस बयान से बहुत ज़्यादा दुःख हुआ है... जब ज़रूरत थी, उन्होंने राजनैतिक उद्देश्यों के लिए निर्भया का नाम लिया, और अब जब वे सत्ता में आ गए हैं, तो इसे 'छोटी वारदात' बना दिया..."

सोशल नेटवर्किंग वेबसाइट ट्विटर पर कांग्रेस की प्रवक्ता प्रियंका चतुर्वेदी ने लिखा, "अरुण जेटली कहते हैं, रेप छोटी वारदात है, जिससे राजस्व का नुकसान होता है... सचमुच, शब्द नहीं मिल रहे हैं..." एक अन्य महिला कोमल तिवारी ने ट्वीट किया, "निर्भया की ज़िन्दगी आपके अरबों डॉलर से ज़्यादा कीमती थी... यह 'छोटी' चीज़ नहीं है..."

एक अन्य कांग्रेस नेता शोभा ओझा ने इसे 'बेवकूफाना और भयानक' बयान की संज्ञा देते हुए कहा कि अरुण जेटली को देश की महिलाओं से क्षमायाचना करनी चाहिए। किन्हीं जॉयदास ने कटाक्ष करते हुए टिप्पणी की है, "दिल्ली में रेप की एक छोटी वारदात से हमें पर्यटन के क्षेत्र में अरबों डॉलर का नुकसान होता है... संवेदनशील, बहुत संवेदनशील..."

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उल्लेखनीय है कि 16 दिसम्बर, 2012 को दिल्ली शहर में छह लोगों ने एक चलती बस में एक 23-वर्षीय फिज़ियोथैरेपी छात्रा के साथ न सिर्फ गैंगरेप किया, बल्कि नृशंस तरीके से उसे चोटें भी पहुंचाईं, जिनके चलते 13 दिन बाद 29 दिसम्बर को सिंगापुर के एक अस्पताल में उसकी मौत हो गई थी।

इसके बाद सारे देश में बलात्कारियों के लिए गुस्सा उमड़ पड़ा था, और रेप संबंधी कानूनों तक में बदलाव करने पड़े थे। इस कांड के लिए जिम्मेदार सभी छह लोगों को गिरफ्तार कर लिया गया था, जिनमें से एक ने तिहाड़ जेल में ही आत्महत्या कर ली थी, जबकि एक अभियुक्त का मुकदमा नाबालिग होने की वजह से जुवेनाइल कोर्ट में चला था, और उसे दोषी करार देकर तीन वर्ष तक सुधार गृह में रहने की सज़ा सुनाई गई थी। शेष चारों अभियुक्तों को मृत्युदंड सुनाया जा चुका है।