JNU चार्जशीट मामला: अरविंद केजरीवाल बोले- मुझे नहीं पता कन्हैया ने देशद्रोह किया या नहीं, मगर मोदी जी ये देशद्रोह नहीं है?

मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने पीएम मोदी पर हमला बोला है और उनसे पूछा है कि दिल्ली को ठप्प करने की कोशिश क्या देशद्रोह नहीं है?

JNU चार्जशीट मामला: अरविंद केजरीवाल बोले- मुझे नहीं पता कन्हैया ने देशद्रोह किया या नहीं, मगर मोदी जी ये देशद्रोह नहीं है?

अरविंद केजरीवाल (फाइल फोटो)

नई दिल्ली:

जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय देशद्रोह मामले (JNU Sedition Case) में मुकदमा चलाने की अनुमति देने के संबंध में दिल्ली सरकार (Delhi Govt) और दिल्ली पुलिस के बीच अभी पेंच फंसा है. जेएनयू मामले में दिल्ली पुलिस ने भले ही चार्जशीट दायर कर दी है, मगर अभी तक उस फाइल को दिल्ली सरकार की मंजूरी नहीं मिली है और इसी वजह से कोर्ट ने भी बीते दिनों दिल्ली पुलिस को फटकार लगाई थी. एक और जहां दिल्ली के कानून मंत्री कैलाश गहलोत ने दिल्ली के लॉ सचिव को कारण बताओ नोटिस जारी किया है, वहीं मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने पीएम मोदी पर हमला बोला है और उनसे पूछा है कि दिल्ली को ठप्प करने की कोशिशें क्या देशद्रोह नहीं है?.

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दिल्ली के मुख्यमंत्री ने एक ट्वीट किया और कहा कि 'मुझे नहीं पता कन्हैया ने देशद्रोह किया है या नहीं, उसकी जांच क़ानून विभाग कर रहा है. उधर मोदी जी ने दिल्ली के बच्चों के स्कूल रोके, अस्पताल रोके, CCTV कैमरे रोके, मोहल्ला क्लीनिक रोके, दिल्ली को ठप्प करने की पूरी कोशिश की- क्या ये देशद्रोह नहीं है?. बता दें कि इससे पहले भी अरविंद केजरीवाल दिल्ली सरकार के काम में बाधा पहुंचाने को लेकर मोदी सरकार पर आरोप लगाते रहे हैं.

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दरअसल, दिल्ली के कानून मंत्री कैलाश गहलोत ने दिल्ली के लॉ सेक्रेट्री को कारण बताओ नोटिस जारी किया है. साथ ही  उन्होंने दिल्ली सरकार के लॉ सेक्रेट्री पर कानून मंत्री की अनदेखी और नियमों का पालन न करने का आरोप लगाया है. उन्होंने कहा है कि 'लॉ सेक्रेटरी ने बिना कानून मंत्री को फाइल दिखाए फाइल आगे कैसे बढ़ाई? उनका कहना है कि ' 'लॉ सेक्रेट्री ने कानून मंत्री को फाइल दिखाए बिना सीधे गृह विभाग को भेजी'.

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फिलहाल चार्जशीट की फाइल दिल्ली के गृह विभाग के पास है. जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय में कन्हैया कुमार और अन्य लोगों पर देशद्रोह का आरोप लगा है और इसी सिलसिले में दिल्ली पुलिस ने चार्जशीट दायर की है. बता दें कि चार्जशीट को लेकर दिल्ली पुलिस को दिल्ली सरकार से परमिशन की जरूरत होती है और इसके लिए दिल्ली सरकार से मंजूरी लेना प्रक्रिया का हिस्सा है.

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दरअसल, दिल्ली सरकार के सूत्रों की मानें तो मुकदमा चलाने की मंजूरी देने के लिए अदालत ने नियम तय किए हैं और उनका पालन किया जाएगा. सूत्र ने बताया, ‘नियमानुसार सरकार को मंजूरी देने के लिए तीन महीने का वक्त मिलता है. दिल्ली पुलिस को आरोपपत्र दायर करने में तीन साल का वक्त लगा. सरकार को फैसला लेने से पहले कानूनी सलाह लेने की अनुमति दी जानी चाहिए.' उन्होंने कहा, लेकिन यदि सरकार तीन महीने में कोई फैसला नहीं ले पाती है तो, इसे मुकदमे के लिए मंजूरी मिली मान लिया जाएगा. दिल्ली पुलिस ने 14 जनवरी को इस संबंध में आरोपपत्र दायर किया था. मामला 2016 में जेएनयू परिसर में आयोजित एक कार्यक्रम में देश-विरोधी नारे लगाने से जुड़ा है.

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VIDEO- जेएनयू चार्जशीट को दिल्ली सरकार की मंजूरी नहीं