खास बातें
- आम आदमी पार्टी के संयोजक अरविंद केजरीवाल का आरोप है कि दिल्ली सरकार ने निजी कंपनियों के साथ मिलकर शोधित किए जाने वाले पानी और बर्बाद होने वाले पानी की बढ़ी हुई मात्रा दिखाई ताकि पानी का शुल्क बढ़ाया जा सके और शहर में पानी की पाइपलाइन बदलने की 520 करोड़ रू
नई दिल्ली: आम आदमी पार्टी के संयोजक अरविंद केजरीवाल का आरोप है कि दिल्ली सरकार ने निजी कंपनियों के साथ मिलकर शोधित किए जाने वाले पानी और बर्बाद होने वाले पानी की बढ़ी हुई मात्रा दिखाई ताकि पानी का शुल्क बढ़ाया जा सके और शहर में पानी की पाइपलाइन बदलने की 520 करोड़ रूपए की परियोजना को लागू किया।
केजरीवाल ने संवाददाताओं से कहा, कंपनी (जो शोधित जल की आपूर्ति करती है) और शीला दीक्षित सरकार के बीच सीधी सांठगांठ है।’
कथित ‘घोटाले’ का ब्यौरा देते हुए उन्होंने पूछा कि सोनिया विहार जल शोधन संयंत्र से हर दिन 140 एमजीडी पानी के शोधन का दावा किस आधार पर किया जाता है, जबकि फ्रांस की कंपनी डेगरेमोंट द्वारा स्थापित इस संयंत्र को दिल्ली सरकार द्वारा हर दिन 48 एमजीडी पानी ही दिया जाता है।
केजरीवाल ने कहा, ‘वह नकली तरीके से उत्पादन बढ़ा रहे हैं, क्योंकि जब वह उत्पादन बढ़ाएंगे तो वह दावा कर सकते हैं 140एमजीडी पानी का उत्पादन हुआ। 48 एमजीडी की आपूर्ति हुई और बाकी बर्बाद हो गया... उपभोक्ता उसका बिल नहीं दे रहे हैं। उन्होंने कहा कि दिल्ली सरकार ने बिना राजस्व वाले, वह पानी जो सोनिया विहार संयंत्र से बर्बाद हो जाता है की मात्रा में कमी लाने के लिए मालवीय नगर में मौजूदा पाइनलाइन को बदलने की 520 करोड़ रुपये की परियोजना तैयार की।
‘और यह परियोजना उसी कंपनी के हवाले कर दी गई और अब मालवीय नगर के लोगों पर पूरी परियोजना का वित्तीय बोझ एक लाख साठ हजार रुपये प्रति व्यक्ति होगा। हम असहाय हैं क्योंकि अगर इसके खिलाफ अदालत में जाते हैं तो फैसला आने में बरसों लगेंगे और तब तक लोगों को अपने गाढ़े पसीने की कमाई देते रहना पड़ेगा।’