यह ख़बर 02 जून, 2013 को प्रकाशित हुई थी

अरविंद केजरीवाल लड़ेंगे शीला दीक्षित के खिलाफ चुनाव

खास बातें

  • आम आदमी पार्टी के नेता अरविंद केजरीवाल ने दिल्ली के विधानसभा चुनाव में मुख्यमंत्री शीला दीक्षित से सीधे मुकाबले की बिसात बिछाते हुए उस विधानसभा क्षेत्र से किस्मत आजमाने का ऐलान किया, जहां से मुख्यमंत्री नामांकन पत्र दाखिल करेंगी।
नई दिल्ली:

आम आदमी पार्टी के नेता अरविंद केजरीवाल ने दिल्ली के आगामी विधानसभा चुनाव में मुख्यमंत्री शीला दीक्षित से सीधे मुकाबले की बिसात बिछाते हुए उस विधानसभा क्षेत्र से किस्मत आजमाने का ऐलान किया, जहां से मुख्यमंत्री नामांकन पत्र दाखिल करेंगी।

केजरीवाल ने बीजेपी पर भी हमला बोला और कहा कि पिछले चुनावों में पार्टी ने दीक्षित के खिलाफ कमजोर उम्मीदवार खड़े किए। 'आप' नेता ने प्रदेश बीजेपी अध्यक्ष विजय गोयल को अपने तथा शीला के खिलाफ लड़ने की चुनौती दी।

नवंबर में होने वाले चुनाव में केजरीवाल की दावेदारी वाली विधानसभा सीट के बारे में फैसला करने के लिए आयोजित 'आप' पार्टी के कार्यकर्ताओं के सम्मेलन में उन्होंने कहा कि वह नई दिल्ली विधानसभा से किस्मत आजमाना चाहते हैं और शीला दीक्षित से सीधे मुकाबले में उतारना चाहते हैं।

कार्यकर्ताओं द्वारा मुख्यमंत्री के सामने खड़ा होने की सलाह दिए जाने के बाद उन्होंने कहा, अगर वह नई दिल्ली विधानसभा क्षेत्र में इस तरह के मुकाबले से डर की वजह से बचकर कहीं और जाती हैं, तो मैं भी वहीं से चुनाव लड़ूंगा, जहां से वह खड़ी होंगी। हालांकि केजरीवाल की दावेदारी पर अंतिम मुहर एक प्रक्रिया पूरी होने के बाद ही लगेगी, जिसमें विधानसभा से 100 लोगों के दस्तखत एकत्रित करना और 'आप' की स्क्रीनिंग कमेटी तथा राजनीतिक मामलों की समिति से साक्षात्कार शामिल हैं।

वर्ष 1998 के चुनाव में शीला ने गोल मार्केट क्षेत्र से बीजेपी के कीर्ति आजाद को 5,667 वोटों से हराया था। पांच साल बाद मुख्यमंत्री ने कीर्ति आजाद की पत्नी पूनम आजाद को 12,935 मतों से पराजित किया। परिसीमन के बाद गोल मार्केट सीट समाप्त हो गई और शीला दीक्षित ने नई दिल्ली से चुनाव लड़ा। उन्होंने यहां बीजेपी के विजय गोयल को 13,982 वोटों से हराया।

केजरीवाल ने कहा, हमने दीक्षित से मुकाबला करने का फैसला क्यों किया है? दिल्ली शीला दीक्षित से निजात पाना चाहती है, जो भ्रष्टाचार की प्रतीक बन गई हैं। उन्होंने कहा कि लोग बीजेपी को भी ऐसी पार्टी के तौर पर नहीं देखते, जो कांग्रेस को हरा सकती है।

बीजेपी पर दिल्ली में कांग्रेस के साथ पहले से ही फिक्स मैच खेलने का आरोप लगाते हुए केजरीवाल ने कहा, लोगों को पता चल गया है कि बीजेपी जानबूझकर मुख्यमंत्री के खिलाफ कमजोर उम्मीदवारों को खड़ा करती है। इस बार उनके नेताओं में इस बात को लेकर संघर्ष है कि उनका मुख्यमंत्री पद का दावेदार कौन होगा। केजरीवाल ने दावा किया, आगामी विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को केवल 'आप' ही हरा सकती है। बीजेपी और कांग्रेस पिछले 15 साल से मैच फिक्सिंग में लगे हैं।

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जब कुछ पार्टी कार्यकर्ताओं ने पूछा कि केजरीवाल चुनाव में गोयल के खिलाफ क्यों नहीं खड़े हो रहे, पार्टी नेता कुमार विश्वास ने अपने व्यंग्यात्मक लहजे में कहा, मच्छरों को मारने के लिए बोफोर्स का इस्तेमाल नहीं किया जाता। कुमार ने कहा, बीजेपी पिछले 15 साल से विधानसभा चुनाव हार रही है, इसलिए दिल्ली के राजनीतिक परिदृश्य से उसका नाम पहले ही गायब है। 'आप' नई दावेदार है। केजरीवाल के फैसले का समर्थन करते हुए वकील प्रशांत भूषण ने कहा, अगर हम देश की राजनीतिक व्यवस्था को बदलना चाहते हैं, तो हम केजरीवाल को ऐसी शख्सियत के खिलाफ खड़ा करेंगे, जो मौजूदा राजनीतिक तंत्र की प्रतीक हैं।