अशोक गहलोत ने देश की आर्थिक स्थिति पर जताई चिंता, कहा- मजबूत अर्थव्यवस्था के बिना विकास संभव नहीं है

मुख्यमंत्री ने काले धन का जिक्र करते हुए कहा कि राजनीतिक पार्टियों को इस दिशा में पहल करनी चाहिए. उन्होंने पार्टियों को चुनावी बॉण्ड के तहत मिलने वाले चंदे पर सवालिया निशान खड़े करते हुए कहा कि राजनीतिक चंदे के लिए पारदर्शी व्यवस्था होनी चाहिए.

अशोक गहलोत ने देश की आर्थिक स्थिति पर जताई चिंता, कहा- मजबूत अर्थव्यवस्था के बिना विकास संभव नहीं है

अशोक गहलोत ने चार्टर्ड अकाउन्टेन्ट्स के राष्ट्रीय सेमिनार के दौरान ये बात कही.

खास बातें

  • अशोक गहलोत ने देश की आर्थिक स्थिति पर व्यक्त की चिंता
  • उन्होंने युवाओं से भारत के संविधान की प्रस्तावना पढ़ने का आह्वान किया
  • उन्होंने कहा, राजनीतिक चंदे के लिए पारदर्शी व्यवस्था होनी चाहिए
जयपुर:

राजस्थान (Rajasthan) के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत (Chief Minister Ashok Gehlot) ने कहा कि किसी भी देश की तरक्की का आधार वहां की अर्थव्यवस्था होती है और इसकी मजबूती के बिना विकास संभव नहीं है. इसके साथ ही उन्होंने राजनीतिक चंदे के लिए पारदर्शी व्यवस्था की जरूरत पर बल दिया. उन्होंने देश के वर्तमान आर्थिक हालात पर चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि इन विषम परिस्थितियों में राज्य सरकार ने राजस्थान औद्योगिक विकास नीति, एमएसएमई कानून, राजस्थान निवेश प्रोत्साहन योजना-2019 सहित उद्योग क्षेत्र के लिए कई बड़े कदम उठाए हैं जो निश्चित रूप से अर्थव्यवस्था को मजबूती प्रदान करेंगे.

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गहलोत ने मंगलवार को चार्टर्ड अकाउन्टेन्ट्स के राष्ट्रीय सेमिनार 'प्रकर्ष' को संबोधित करते हुए कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की नीतियों को अपनाकर देश की अर्थव्यवस्था को मजबूत किया जा सकता है. उन्होंने कहा कि राज्य सरकार संवेदनशील, पारदर्शी एवं जवाबदेह शासन की नीति के साथ काम कर रही है. देश धर्म के आधार पर नहीं बल्कि संविधान के आधार पर चलते हैं और संविधान के आधार पर ही सरकारें बनती हैं. अगर धर्म के आधार पर देश चलते तो पाकिस्तान के दो टुकड़े नहीं होते.

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उन्होंने युवाओं से आह्वान किया कि वे भारत के संविधान की प्रस्तावना को पढ़ें और उसकी भावना के अनुरूप देश को आगे ले जाने में अपना सहयोग करें. मुख्यमंत्री ने काले धन का जिक्र करते हुए कहा कि राजनीतिक पार्टियों को इस दिशा में पहल करनी चाहिए. उन्होंने पार्टियों को चुनावी बॉण्ड के तहत मिलने वाले चंदे पर सवालिया निशान खड़े करते हुए कहा कि राजनीतिक चंदे के लिए पारदर्शी व्यवस्था होनी चाहिए. कार्यपालिका, विधायिका एवं न्यायपालिका को इसके लिए सामूहिक कदम उठाने चाहिए. उन्होंने कहा कि राजनीतिक पार्टियों को अगर चंदे के रूप में काला धन मिलेगा तो फिर हम भ्रष्टाचार मुक्त देश की कल्पना कैसे कर सकते हैं.



(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)