यह ख़बर 07 अगस्त, 2012 को प्रकाशित हुई थी

असम दंगों की सीबीआई जांच के पक्ष में सरकार

खास बातें

  • असम के कोकाराझार व चिरांग जिलों में पिछले महीने भड़की हिंसा में बाहरी तत्वों का हाथ होने का संकेत देते हुए राज्य सरकार ने मंगलवार को कहा कि वह दंगों की जांच केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) से कराए जाने के पक्ष में है, जिसमें अब तक 73 लोगों की मौत हो चुकी है
गुवाहाटी:

असम के कोकाराझार व चिरांग जिलों में पिछले महीने भड़की हिंसा में बाहरी तत्वों का हाथ होने का संकेत देते हुए राज्य सरकार ने मंगलवार को कहा कि वह दंगों की जांच केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) से कराए जाने के पक्ष में है, जिसमें अब तक 73 लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि चार लाख से अधिक लोग बेघर हो गए हैं।

मुख्यमंत्री तरुण गोगोई ने यहां संवाददाताओं से कहा कि बोडो जनजाति तथा बांग्ला भाषी मुसलमानों के बीच भड़की हिंसा के पीछे बाहरी व आंतरिक तत्वों का हाथ था।

हिंसा बोडोलैंड टेरिटोयिल एरिया डिस्ट्रिक्ट (बीटीएडी) के कोकराझार तथा चिरांग जिले से शुरू हुई थी, जो बाद में धुबरी जिले तक पहुंच गई।

गोगाई ने कहा, "कुछ बाहरी ताकतें हमेशा असम में सक्रिय रहती हैं और राज्य में तरह-तरह से व्यवधान पैदा करने की कोशिश करती हैं।" उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने जांच सीबीआई को सौंपे जाने की प्रक्रिया पहले ही शुरू कर दी है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि हिंसा प्रभावित क्षेत्रों की स्थिति में सुधार हुआ है, लेकिन उन्होंने कोकराझार जिले में हुई ताजा हिंसा को लेकर चिंता जताई।

गोगोई ने कहा, "हिंसा की ताजा घटनाओं को लेकर हम चिंतित हैं। मैंने मुख्य सचिव तथा अन्य अधिकारियों को स्थिति से सख्ती से निपटने के निर्देश दिए हैं।"

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गोगोई ने कहा कि दंगे में मरने वालों की संख्या 73 हो गई है, जिनमें राहत शिविर में मारे गए 15 लोग और पुलिस की गोलीबारी में मारे गए चार व्यक्ति भी शामिल हैं। राहत शिविर में मारे गए 15 लोगों में सात बच्चे थे।