असम पुलिस ने राज्य की JEE परीक्षा में हेराफेरी का किया खुलासा, टॉपर, उसके पिता और तीन अन्य गिरफ्तार

पुलिस सूत्रों ने बताया कि परीक्षा केंद्र के अन्वेषक (Invigilator) ने उत्तर पुस्तिका और हस्ताक्षर पर अपना रोल नंबर लिखने के बाद उसे केंद्र से बाहर निकलने में मदद की थी, जिसे बाद में उसके प्रॉक्सी ने कहीं और भर दिया.

असम पुलिस ने राज्य की JEE परीक्षा में हेराफेरी का किया खुलासा, टॉपर, उसके पिता और तीन अन्य गिरफ्तार

Assam JEE Main 2020 Topper Arrested

गुवाहाटी:

गुवाहाटी के रहने वाले एक शख्स की एफआईआर पर कार्रवाई करते हुए असम पुलिस ने बुधवार को हाल ही में आयोजित जेईई मुख्य परीक्षाओं (JEE Mains Exams) में एक फर्जीवाड़े का खुलासा किया है, जहां जेईई में 99.8% प्रतिशत अंक के साथ असम में टॉप करने वाले उम्मीदवार को उसके पिता और उसके लिए परीक्षा लिखने के लिए एक प्रॉक्सी का इंतजाम करने वाले तीन अन्य के साथ गिरफ्तार किया गया है.

गुवाहाटी के बाहरी इलाके में अजरा पुलिस स्टेशन की पुलिस ने उम्मीदवार नील नक्षत्र दास, उनके पिता डॉ ज्योतिर्मय दास (गुवाहाटी के एक डॉक्टर) और हमेन्द्र नाथ सरमा, प्रांजल कलिता और हीरालाल पाठक (गुवाहाटी में परीक्षा केंद्र के कर्मचारी) को गिरफ्तार किया है. 

केंद्र टीसीएस-आईओएन (TCS-iON) द्वारा संचालित है, जो कि टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज की एक इकाई है. पुलिस सूत्रों का कहना है कि टीसीएस ने स्थानीय एजेंसी से हमारे इंफ्रास्ट्रक्चर को लीज पर लिया था. गुरुवार को सभी आरोपियों को कोर्ट में पेश किया जाएगा.

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गुवाहाटी के पुलिस आयुक्त एम.पी. गुप्ता ने एनडीटीवी को बताया, “असम में (जेईई) मेन्स के टॉपर के खिलाफ कथित तौर पर परीक्षा में बैठने के लिए प्रॉक्सी का उपयोग करने के लिए अज़रा पुलिस स्टेशन में प्राथमिकी दर्ज की गई है. हमने मामले की जांच की और पता लगाया है कि उम्मीदवार द्वारा एक मध्य एजेंसी के रूप में कार्य करने वाली एक अन्य एजेंसी की मदद से एक प्रॉक्सी का इस्तेमाल किया गया था. गुवाहाटी में टेस्टिंग सेंटर के कर्मचारी भी शामिल हैं. हम और लोगों की तलाश कर रहे हैं. यह एक मामला नहीं हो सकता है लेकिन एक बड़े घोटाले का हिस्सा हो सकता है जिसमें देश भर के लोग शामिल हो सकते हैं. हम सभी पहलुओं को देख रहे हैं.”

पुलिस सूत्रों के अनुसार, एफआईआर 23 अक्टूबर को मित्रदेव शर्मा द्वारा दायर की गई है और एफआईआर के आधार पर, अजरा पुलिस ने अपनी जांच शुरू कर दी है. एक कथित फोन कॉल रिकॉर्डिंग और सोशल मीडिया चैट के कुछ स्क्रीनशॉट वायरल होने के बाद यह घटना सामने आई.

जिसमें उम्मीदवार ने कथित तौर पर उच्चतम अंक प्राप्त करने के लिए अनुचित साधनों का उपयोग करने की बात कबूल की है. पुलिस सूत्रों ने बताया कि परीक्षा केंद्र के अन्वेषक (Invigilator) ने उत्तर पुस्तिका और हस्ताक्षर पर अपना रोल नंबर लिखने के बाद उसे केंद्र से बाहर निकलने में मदद की थी, जिसे बाद में उसके प्रॉक्सी ने कहीं और भर दिया.

जिस परीक्षा केंद्र में परीक्षार्थी बैठे थे उस परीक्षा केंद्र को पहले ही सील कर दिया गया है और प्रबंधन को पुलिस ने बुलाया है.  असम पुलिस ने नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (एनटीए) को भी सूचित किया है और जेईई मेन्स से संबंधित डेटा की जांच में उनकी मदद करने के लिए कहा है.

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