दलाई लामा को उल्फा(आई) की धमकी, चीन के खिलाफ कुछ भी नहीं सुनेंगे

दलाई लामा को उल्फा(आई) की धमकी, चीन के खिलाफ कुछ भी नहीं सुनेंगे

दलाई लामा एक अप्रैल से असम में नमामि ब्रह्मपुत्र उत्सव में शिरकत करेंगे.

खास बातें

  • अरुणाचल प्रदेश और असम जाने वाले हैं बौद्ध धर्म गुरु दलाई लामा
  • दौरे से पहले उल्फा (आई) ने दलाई लामा को दी धमकी
  • चीन के खिलाफ कुछ भी नहीं बोलने की हिदायत
गुवाहाटी:

प्रतिबंधित उग्रवादी संगठन यूनाईटेड लिबरेशन फ्रंट ऑफ असम (इंडिपेंडेंट) ने बौद्ध धर्म गुरु दलाई लामा को धमकी दी है कि वे चीन के खिलाफ कुछ भी न कहें. इस संगठन का प्रमुख परेश बरुआ है. कहा जाता है कि परेश बरुआ इन दिनों चीन में है. धमकी वाले ईमेल में कहा गया है कि दलाई लामा असम के दौरे में भारत के विचार चीन पर थोपने के लिए असम की धरती का इस्तेमाल नहीं करें. उल्फा (आई) के अध्यक्ष अभिजीत असम ने दलाई लामा को संबोधित एक ईमेल में कहा, 'अगर आप वास्तव में असम आने का निर्णय करते हैं तो निजी या सार्वजनिक मंच से चीन के खिलाफ कुछ मत कहिए. हम असम की धरती से भारत के विचारों को थोपना बर्दाश्त नहीं करेंगे.' ईमेल कई मीडिया घरानों को भेजा गया है. दलाई लामा एक अप्रैल से असम में नमामि ब्रह्मपुत्र उत्सव में शिरकत करेंगे और फिर अरूणाचल प्रदेश के तवांग जाएंगे. इस यात्रा के दौरान वे दो दिन असम में भी ठहरेंगे.

मालूम हो कि चीन कई बार अरुणाचल प्रदेश को चीन का हिस्सा बता चुका है. परेश बरुआ भी अरुणाचल के मुद्दे पर चीन के साथ खड़ा रहता रहा है. यह भी कहा जाता है कि परेश बरुआ पूर्वोत्तर राज्यों में सक्रिय चरमपंथी संगठनों को चीनी हथियार मुहैया कराते हैं.

बीते कई दशकों से एनएससीएन (खापलांग) प्रमुख एसएस खापलांग के साथ विद्रोही आंदोलन करते आ रहे कोनयाक ने वर्ष 2011 में एनएससीएन (यू) नाम से एक अलग गुट बनाया था.

साल 2014 में बांग्लादेश की एक अदालत ने उल्फा नेता परेश बरुआ को हथियारों की तस्करी के आरोप में मौत की सजा सुनाई थी.

बांग्लादेश पुलिस ने एक अप्रैल 2004 की रात चटगांव के एक बंदरगाह से हथियारों और गोला-बारूद से भरे जो दस ट्रक बरामद किए गए थे, उनका संबंध परेश बरुआ से पाया गया था.


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