यह ख़बर 17 अक्टूबर, 2014 को प्रकाशित हुई थी

'कुरैशी और पूर्व सीबीआई निदेशक के बीच है 'चौंकाने' वाला मामला'

नई दिल्ली:

सुप्रीम कोर्ट को आज केंद्र सरकार ने सूचित किया गया कि विवादास्पद मांस निर्यातक मोइन अख्तर कुरैशी की आयकर मूल्याकंन रिपोर्ट से उसके और सीबीआई के पूर्व निदेशक के बीच 'चौकाने वाले' रिश्तों का पता चलता है। पूर्व निदेशक इस समय संघ लोक सेवा आयोग के सदस्य हैं।

अटॉर्नी जनरल मुकुल रोहतगी ने हालांकि सीबीआई के पूर्व निदेशक का नाम नहीं लिया, लेकिन उनका इशारा एपी सिंह की ओर था जो इस समय संघ लोक सेवा आयोग के अध्यक्ष हैं। सिंह वर्तमान निदेशक रंजीत सिन्हा के पूर्ववर्ती थे, जो इस समय अपने निवास पर कथित हवाला कारोबारी कुरैशी से मुलाकात के कारण आलोचना झेल रहे हैं।

रोहतगी ने आय कर रिपोर्ट के कुछ विवरण का खुलासा करते हुये दावा किया कि यह तो सिर्फ 'ट्रेलर है और असली फिल्म तो अभी बाकी है।' उन्होंने कहा कि पूर्व निदेशक रोजाना ही बीबीएम के जरिये कुरैशी से कुछ मामलों में आरोपी की मदद करने सहित तमाम मसलों पर बातचीत किया करते थे।

अटॉर्नी जनरल ने कहा, 'सीबीआई के पूर्व निदेशक का आचरण अशोभनीय था और मुझे यह कहने में बहुत तकलीफ हो रही है। मैंने जब इसे पढ़ा तो मुझे बहुत कष्ट हुआ।' इसके साथ ही उन्होंने कहा, 'मोइन और सीबीआई के वर्तमान निदेशक के बीच कोई बातचीत नहीं है। हो सकता है कि वर्तमान निदेशक के संदर्भ में कोई संकेत हो लेकिन कोई प्रत्यक्ष बातचीत नहीं है।'

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आय कर की यह रिपोर्ट चार खंडों में है और इसे विभाग द्वारा जब्त किए गए दस्तावेज और सामग्री के आधार पर तैयार किया गया है। यह रिपोर्ट सीलबंद लिफाफे में न्यायालय के समक्ष पेश की गई। न्यायालय ने कहा कि अटॉर्नी जनरल द्वारा पेश रिपोर्ट और दस्तावेजों का अवलोकन करेंगे और फिर आठ दिसंबर को आगे सुनवाई करेंगे।