यह ख़बर 04 दिसंबर, 2014 को प्रकाशित हुई थी

ज्योतिष के आगे विज्ञान बौना, प्राचीन काल में हो चुका था परमाणु परीक्षण : बीजेपी सांसद पोखरियाल

नई दिल्ली:

उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री और हरिद्वार लोकसभा सीट से बीजेपी सांसद रमेश पोखरियाल निशंक ने एक अजीबो-गरीब बयान दिया है।

बुधवार को लोकसभा में रमेश पोखरियाल निशंक ने कहा कि ज्योतिष के आगे खगोल विज्ञान बौना है। पोखरियाल ने कहा कि ज्योतिष, खगोल विज्ञान से कहीं आगे है, इसलिए दुनिया भर में ज्योतिष को प्राथमिकता दी जानी चाहिए।

वह यहीं नहीं रुके, बल्कि यह भी दावा कर दिया कि भारत में परमाणु परीक्षण तो लाखों साल पहले हो चुका है और यह परीक्षण संत कणाद ने किया था। उन्होंने कहा कि प्राचीन भारत की चिकित्सा प्रणाली आज से बेहतर थी, क्योंकि उस समय सर्जरी के जरिये भगवान गणेश को हाथी का सिर लगाया गया था।

पोखरियाल के इस बयान के बाद संसद में खूब हंगामा हुआ। ज्योतिष और आयुर्वेद जैसी प्राचीन विधाओं का उल्लेख करते हुए रमेश पोखरियाल निशंक ने कहा कि परमाणु की अवधारणा भारत में सदियों पहले से ज्ञात है।

उन्होंने 'योजना एवं वास्तुकला विद्यालय विधेयक, 2014' पर चर्चा में भाग लेते हुए कहा कि ज्योतिष का मजाक नहीं उड़ाया जाना चाहिए, क्योंकि जिस आयुर्वेद को भी पहले इसी तरह परिहास का विषय बताया जाता था, उसे आज अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मान्यता मिल रही है।

निशंक द्वारा ज्योतिष की तुलना खगोल विज्ञान से किए जाने पर विपक्ष के सदस्यों, खासतौर पर वामपंथी सांसदों ने विरोध जताया। इस विषय पर दोनों पक्षों के बीच कुछ नोंकझोंक देखी गई।

इससे पहले, इसी विधेयक पर चर्चा में भाग लेते हुए तृणमूल कांग्रेस के सौगत रॉय ने मानव संसाधन विकास मंत्री स्मृति ईरानी के पिछले दिनों ज्योतिषी से मिलने की खबरें सामने आने को लेकर उन पर निशाना साधा।

उन्होंने यह भी कहा कि ज्योतिष और पौराणिक मान्यताएं अपनी जगह हैं और ये लोगों की आस्थाओं से जुड़ी हो सकती हैं, लेकिन विज्ञान को इनसे अलग रखा जाना चाहिए, जो प्रयोगों के आधार पर सिद्ध होता है।

(इनपुट भाषा से भी)


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