श्रीनगर में हमलों ने बढ़ाई सुरक्षाबलों की चिंता, कहीं फिर गुमराह तो नहीं हो रहे घाटी के युवा

श्रीनगर में हमलों ने बढ़ाई सुरक्षाबलों की चिंता, कहीं फिर गुमराह तो नहीं हो रहे घाटी के युवा

प्रतीकात्‍मक तस्‍वीर

नई दिल्‍ली:

श्रीनगर में लगातार दो हमलों ने सुरक्षा बलों की चिंता बढ़ा दी है क्योंकि शक ये जताया जा रहा है कि स्‍थानीय लड़के दोनों हमलों में शामिल थे। पहले ज़डिबल और फ़िर तेंगपुरा, एक के बाद एक श्रीनगर के बीचोबीच हुए दो आतंकवादी हमले जिनमें तीन जवान मारे गये।

हमलों की जिम्मेदारी हिजबुल मुज़ाहिदीन ने ली है और धमकी दी है कि आने वाले दिनों में और हमले होंगे। सुरक्षा बल धमकियों से भले ही न डरें लेकिन फिक्र इस बात की हो रही है कि घाटी के नौजवान दोबारा गुमराह हो रहे हैं। माना जा रहा है कि तकरीबन 15 स्थानीय लड़के आतंकवादी हरकतों से जुड़े चुके हैं।

सेना बेशक ये दावा कर रही हो कि सब ठीक है लेकिन गृह मंत्रालय का कुछ और मानना है। एनडीटीवी इंडिया को मिली जानकारी के मुताबिक आईबी ने पिछले हफ़्ते सोरा बेमिना ओर डाचीगाम के आतंकवादियों की हरकतों की जानकारी लोकल पुलिस को दी। लोकल पुलिस भी सतर्क थी और इलाके में लगातार छानबीन कर रही थी। लेकिन न सिर्फ़ हमला हुआ बल्कि हमले के बाद आतंकवादी फरार भी हो गए। एक मामले में तो वो जवान के हथियार भी ले भागे।

गृह मंत्रालय का दावा
- आईबी ने पुलिस को दी थी जानकारी
- लोकल पुलिस छानबीन कर रही थी
- हमले के बाद आतंकवादी फरार
- एक जवान के हथियार भी ले भागे


लेकिन घाटी में घुसपैठ को लेकर भी एजेंसियों की राय अलग-अलग है। सेना का कहना है कि घुसपैठ नहीं हो रही है जबकि गृह मंत्रालय का कहना है कि घुसपैठ में 100 फीसदी का इज़ाफ़ा हुआ है। इस बार बर्फ़बारी कम हुई इसलिए भी घुसपैठ ज़्यादा हुई है। पहले चार महीनों में 70 से ज्यादा आतंकवादियों के सीमा पार करने की खबर है।

घाटी में इन दिनों खूब पर्यटक आ रहे हैं। आशंका जताई जा रही है कि अगर इसी तरह आतंकी हरकतें बढ़ती रहीं तो उसका असर सैलानियों की आमद पर पड़ सकता है।


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