
अयोध्या पर फैसले के खिलाफ आज 4 याचिकाएं दाखिल होंगी
भारतीय पीस पार्टी के 5 सवाल
सुप्रीम कोर्ट का फैसला पूरी तरह से एएसआई रिपोर्ट पर आधारित है ना कि तथ्यों पर.
1949 तक कब्ज़ा हमेशा मुस्लिमों के पास था और भारतीय साक्ष्य अधिनियम 110 का इसका पालन नहीं किया गया. हिंदू पक्षकारों द्वारा झूठ बोला गया.
केंद्रीय गुंबद के नीचे मस्जिद में 1949 तक नमाज अदा की गई थी, और 1949 से पहले वहां कोई मूर्ति नहीं थी. 1949 से पहले कोई भी हिंदू प्रार्थना नहीं करता था.
एएसआई द्वारा कोई सबूत नहीं दिया गया है कि वहां मंदिर था जो राम को समर्पित था.
1885 में राम चबूतरा राम मंदिर था जो बाबरी मस्जिद का बाहरी आंगन है. इसमें मुस्लिम पक्ष का आंतरिक अदालत का विशेष अधिकार था लेकिन हाल के फैसले में यह सर्वोच्च न्यायालय द्वारा स्थापित नहीं किया गया है