सुप्रीम कोर्ट में राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद जमीन विवाद में मुस्लिम पक्ष ने अपनी दलीलें रखीं.
खास बातें
- राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद जमीन विवाद पर 21 वें दिन की सुनवाई
- धवन ने कहा- निर्मोही अखाड़े ने गैरकानूनी कब्जा चबूतरे पर किया
- वे उसके मालिक नही सिर्फ सेवादार हैं, ट्रस्टियों और सेवादार में अंतर है
नई दिल्ली: अयोध्या के राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद जमीन विवाद मामले में 21 वें दिन की सुनवाई के दौरान मुस्लिम पक्ष की तरफ से वरिष्ठ वकील राजीव धवन ने पक्ष रखा. राजीव धवन ने कहा कि संविधान पीठ को दो मुख्य बिन्दुओं पर ही विचार करना है. पहला विवादित स्थल पर मालिकाना हक किसका है और दूसरा क्या गलत परम्परा को जारी रखा जा सकता है. राजीव धवन ने सन 1962 में दिए गए सुप्रीम कोर्ट के एक फैसले का हवाला देते हुए हाईकोर्ट के फैसले पर सवाल उठाया और कहा कि जो गलती हुई उसे जारी नहीं रखा जा सकता, यही कानून के तहत होना चाहिए.