Ayodhya Verdict: AIMIM प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी बोले- 'हमारी लड़ाई मस्जिद के लिए थी- हम खैरात में...'

AIMIM प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी (Asaduddin Owaisi) ने कहा कि, हम खैरात में जमीन का टुकड़ा नहीं चाहते हैं.

Ayodhya Verdict: AIMIM प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी बोले- 'हमारी लड़ाई मस्जिद के लिए थी- हम खैरात में...'

AIMIM प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी (Asaduddin Owaisi).

खास बातें

  • अयोध्या के फैसले पर ओवैसी का आया रिएक्शन
  • बोले- खैरात में नहीं चाहिए 5 एकड़ जमीन
  • AIMIM प्रमुख बोले- हमारी लड़ाई मस्जिद के लिए थी
नई दिल्ली:

Ayodhya Verdict: अयोध्या पर ऐतिहासिक फैसले के बाद प्रतिक्रियाओं का दौर थमने का नाम नहीं ले रहा. तमाम पार्टियों ने इस पर अपने रिएक्शन दिए. AIMIM प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी (Asaduddin Owaisi) ने इस मामले पर एक और प्रतिक्रिया दी है. ओवैसी ने कहा कि, हम खैरात में जमीन का एक टुकड़ा नहीं चाहते हैं. इतने वर्षों का हमारा संघर्ष और धैर्य जमीन के एक टुकड़े के लिए नहीं था.' 'हमारी लड़ाई मस्जिद के लिए थी, 5 एकड़ भूमि के लिए नहीं.' इससे पहले अयोध्या पर फैसला आने के बाद भी ओवैसी ने रिएक्शन दिया था. ओवैसी (Owaisi) ने कहा था, 'मैं कोर्ट के फैसले से संतुष्‍ट नहीं हूं. सुप्रीम कोर्ट वैसे तो सबसे ऊपर है, लेकिन अपरिहार्य नहीं है. हमें संविधान पर पूरा भरोसा है, हम अपने अधिकार के लिए लड़ रहे हैं, हमें खैरात के रूप में 5 एकड़ जमीन नहीं चाहिए. हमें इस पांच एकड़ जमीन के प्रस्‍ताव को खारिज कर देना चाहिए. हम पर कृपा करने की जरूरत नहीं है.' 
 

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बता दें कि बीते शनिवार को दशकों पुराने तथा पूरे देश को आंदोलित करते रहे केस में ऐतिहासिक फैसला सुनाते हुए सुप्रीम कोर्ट ने अयोध्या में विवादित भूमि का कब्ज़ा सरकारी ट्रस्ट को मंदिर बनाने के लिए दे दिया गया, तथा उत्तर प्रदेश के इसी पवित्र शहर में एक 'प्रमुख' स्थान पर मस्जिद के लिए भी ज़मीन आवंटित करने की. इस केस में वादी भगवान रामचंद्र के बालस्वरूप 'रामलला' को 2.77 एकड़ ज़मीन का मालिकाना हक दिया गया है.

अयोध्या केस में सुप्रीम कोर्ट का पूरा फैसला

फैसले के अनुसार सुन्नी वक्फ बोर्ड को नई मस्जिद के निर्माण के लिए पांच एकड़ ज़मीन का एक 'उपयुक्त' प्लॉट देने का का फैसला हुआ था. न्यायमूर्तियों ने कहा था कि ऐसा किया जाना ज़रूरी था, क्योंकि 'जो गलतियां की गईं, उन्हें सुधारना सुनिश्चित करना भी' कोर्ट का उत्तरदायित्व है. कोर्ट ने यह भी कहा कि 'सहिष्णुता तथा परस्पर सह-अस्तित्व हमारे देश तथा उसकी जनता की धर्मनिरपेक्ष प्रतिबद्धता को पुष्ट करते हैं...' कोर्ट ने कहा कि मंदिर निर्माण के लिए सरकार द्वारा तीन महीने के भीतर एक ट्रस्ट या बोर्ड का गठन किया जाना चाहिए.

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VIDEO: ओवैसी ने कहा- खैरात के रूप में 5 एकड़ जमीन नहीं चाहिए