अयोध्या के विवादित स्थल सम्बन्धी दस्तावेज सुरक्षित : आजम खान

अयोध्या के विवादित स्थल सम्बन्धी दस्तावेज सुरक्षित : आजम खान

आजम खान का फाइल फोटो

लखनऊ:

उत्तर प्रदेश के वक्फ मंत्री आजम खान ने कहा कि लखनऊ स्थित सुन्नी वक्फ बोर्ड के दफ्तर में हाल में लगी आग से अयोध्या के विवादित स्थल से जुड़े दस्तावेजों को कोई नुकसान नहीं हुआ है।

खान ने सुन्नी वक्फ बोर्ड के कार्यालय में हाल में आग लगने के बारे में पूछे गये सवाल पर कहा, दुर्घटनावश आग लगना अलग बात है लेकिन जानबूझकर आग लगाना वाकई बहुत गलत है, चाहे वह मुजफ्फरनगर हो या फिर वक्फ बोर्ड का कार्यालय। उन्होंने स्पष्ट किया कि सुन्नी वक्फ बोर्ड के कार्यालय में हाल में लगी आग से अयोध्या के रामजन्मभूमि-बाबरी विवादित स्थल से जुड़े किसी भी दस्तावेज को कोई नुकसान नहीं पहुंचा है। उस अग्निकांड की जांच के आदेश दिये गये हैं। मुकदमा दर्ज कराया गया है और पुलिस ने पूछताछ के लिये कुछ लोगों को बुलाया भी है।

खान ने अग्निकांड को लेकर सनसनी फैलाने का आरोप लगाते हुए कहा कि विवादित स्थल से जुड़े सभी मूल दस्तावेज अदालत के पास हैं। वक्फ कार्यालय में केवल उनकी प्रतियां रखी हैं।

गौरतलब है कि पिछले हफ्ते सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड उत्तर प्रदेश के रिकार्ड रूम में अज्ञात कारणों से आग लग गयी थी। माना जा रहा  कि आग से अनेक महत्वपूर्ण दस्तावेज खाक हो गये हैं।

जनगणना के आंकड़ों के हिसाब से देश में मुसलमानों की आबादी बढ़ने को लेकर विश्व हिन्दू परिषद नेता प्रवीण तोगड़िया द्वारा एक लेख के जरिये चिंता जाहिर किये जाने पर खान ने कहा कि मुस्लिम कौम तो पहले से ही सजा भुगत रही है। इससे बड़ी सजा क्या होगी कि मुल्क पर अपनी पुश्तें कुर्बान करने वाले मुसलमानों को गालियां और पाकिस्तान चले जाने की हिदायतें दी जा रही हैं।

गुजरात में गौमांस को सेहत के लिये नुकसानदेह बताने संबंधी कथित बैनर और पोस्टर लगाये जाने पर खान ने कहा कि एक तरफ तो गौमांस पर प्रतिबंध लगाया जा रहा है, वहीं बादशाह (प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी) की राजधानी के पंचसितारा और सातसितारा होटलों में इसे परोसा जा रहा है।

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उन्होंने कहा, बड़ी संख्या में ऐसे कारखाने हैं, जहां रोजाना हजारों जानवर काटे जाते हैं। किसी भी तरह का वध खराब है। बादशाह को ऐसी फैक्ट्रियों के बारे में सोचना चाहिये। खान ने सपा द्वारा बिहार में महागठबंधन से नाता तोड़कर अपने बलबूते पर चुनाव लड़ने का फैसला किये जाने पर यह कहते हुए ज्यादा कुछ बोलने से इनकार कर दिया कि नेताजी (मुलायम सिंह यादव) के पास पूरा अधिकार है। किस गठबंधन से जुड़ना है और किससे नहीं, यह नेताजी ही तय करते हैं।