यह ख़बर 17 अक्टूबर, 2011 को प्रकाशित हुई थी

'सरकार विरोध में बोलने के कारण हुई रामदेव पर कार्रवाई'

खास बातें

  • रामलीला मैदान में चार जून की रात बाबा रामदेव के प्रदर्शन स्थल पर पुलिस की कार्रवाई का कारण उनका सरकार के विरोध में बोलना था।
नई दिल्ली:

रामलीला मैदान में चार जून की रात बाबा रामदेव के प्रदर्शन स्थल पर पुलिस की कार्रवाई का कारण उनका सरकार के विरोध में बोलना था। यह बात सोमवार को सर्वोच्च न्यायालय में कही गई। न्यायमूर्ति बीएस चव्हाण और न्यायमूर्ति स्वतंत्र कुमार की पीठ से कहा गया कि बाबा रामदेव के प्रदर्शन पर कार्रवाई योग के मामले में नहीं की गई, बल्कि काले धन के विरोध में गैर आध्यात्मिक गतिविधियों के मामले में की गई। अदालत चार जून की रात पुलिस द्वारा बाबा रामदेव और उनके अनुयायियों को रामलीला मैदान से बाहर करने की कार्रवाई पर सुनवाई कर रही थी। इस कार्रवाई में रामदेव की एक अनुयायी हरियाणा की 51 वर्षीया राजबाला गम्भीर रूप से घायल हो गई थी। इसके बाद 114 दिनों तक लगातार अस्पताल में रहने के बाद उनकी मृत्यु हो गई। बाबा रामदेव की ओर से वरिष्ठ वकील राम जेठमलानी ने कहा कि रामलीला मैदान को खाली कराने के लिए दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 144 के तहत आदेश 11.30 बजे रात को जारी किया गया था, जिसे उन्होंने गैरकानूनी कहा। जेठमलानी ने कहा कि एक लोकतांत्रिक सरकार से ऐसी अपेक्षा नहीं की जा सकती है। उन्होंने कहा कि ऐसी कार्रवाई नाजी शासन काल में जर्मनी में की जाती थी। उन्होंने इस कार्रवाई को रामदेव की अभिव्यक्ति की आजादी पर हमला बताया। अदालत इस मामले की अगली सुनवाई चार नवम्बर को करेगी।


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