यह ख़बर 07 जून, 2011 को प्रकाशित हुई थी

तीन दिन से लापता बालकृष्ण ने आरोपों को किया खारिज

खास बातें

  • दिल्ली के रामलीला मैदान में शनिवार की रात को हुई पुलिसिया कार्रवाई के बाद से लापता आचार्य बालकृष्ण आश्रम में लोगों के सामने आए।
हरिद्वार:

दिल्ली के रामलीला मैदान में शनिवार की रात को हुई पुलिसिया कार्रवाई के बाद से लापता आचार्य बालकृष्ण आश्रम में लोगों के सामने आए। खुद के भाग जाने के आरोपों को खारिज करते हुए उन्होंने कहा कि उनका जन्म भारत में हुआ है और वह यहीं पले बढ़े हैं। बाबा रामदेव के करोड़ों के साम्राज्य का कामकाज देखने वाले बालकृष्ण हमेशा की तरफ सफेद कपड़ों में थे और नम आंखों से उन्होंने चार जून की रात का मंजर दोहराया। उन्होंने पतंजलि योगपीठ में कहा कि पुलिस की क्रूरतापूर्ण कार्रवाई में चोटिल हुए अनेक लोगों की दुर्दशा देखकर उन्होंने तय किया कि रामदेव को दिल्ली से हरिद्वार भेजने के बाद वह तब तक दिल्ली में रहेंगे जब तक चोटिल लोगों का इलाज नहीं होता। उन्होंने कहा, उस दिन पंडाल का दृश्य देखकर मैंने कहा कि मैं तब तक पंडाल से नहीं जाऊंगा जब तक कोई भी भाई-बहन पंडाल में रहेगा। उन्होंने कहा कि वह पुलिस से बचने के लिए पंडाल में छिपते रहे। रामलीला मैदान से निकलने के बाद आचार्य कहां रहे, इस बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि वह लोगों के बीच आने में आतंकित महसूस कर रहे थे और आज ही हरिद्वार पहुंचे हैं। पुलिसिया कार्रवाई में खुद के पैर, सिर पर चोट के साथ आंखें और गले में भी परेशानी होने का दावा करते हुए बालकृष्ण ने बताया कि वह पंडाल में छिपते रहे और बाद में दिल्ली की सड़कों पर भटकते रहे। उन्होंने कहा कि रामलीला मैदान से निकलते वक्त उनके शरीर पर कपड़े नहीं थे और एक युवक से तौलिया लेकर उसे लपेटकर निकले।


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