यह ख़बर 09 सितंबर, 2012 को प्रकाशित हुई थी

पीएम पद के लिए ठाकरे ने मोदी, नीतीश की जगह सुषमा पर लगाया दांव

खास बातें

  • भले ही भाजपा के पीएम पद के उम्मीदवार के रूप में नरेंद्र मोदी का नाम जोरशोर से सामने आता रहा हो लेकिन राजग की सबसे पुरानी सहयोगी शिव सेना ने नीतीश कुमार को भी किनारे लगाते हुए एक नया दांव चला है जिसमें सुषमा स्वराज को इस पद के लिए सबसे योग्य बताया गया है।
मुंबई:

भले ही भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार के रूप में गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी का नाम जोरशोर से सामने आता रहा हो लेकिन राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) की सबसे पुरानी सहयोगी शिव सेना ने बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को भी किनारे लगाते हुए एक नया दांव चला है जिसमें सुषमा स्वराज को प्रधानमंत्री पद के लिए सबसे योग्य बताया गया है। उनके इस बयान ने भाजपा में ही एक तरह से खलबली मचा दी है।

दरअसल, शिव सेना प्रमुख बाल ठाकरे ने रविवार को भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) नेता सुषमा स्वराज की प्रशंसा की और कहा कि देश के अगले प्रधानमंत्री के रूप में वह सबसे उपयुक्त होंगी।

पार्टी के मुखपत्र 'सामना' में चार किस्तों में प्रकाशित होने वाले उनके साक्षात्कार की तीसरी कड़ी रविवार को प्रकाशित हुई, जिसमें उन्होंने कहा, "वर्तमान में, शीर्ष पद के लिए सुषमा अत्यंत उपयुक्त हैं। मुझे लगता है, वह एक तेज-तर्रार प्रधानमंत्री साबित होंगी।"

बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार या गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी जैसे राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) के अन्य प्रमुख दावेदारों की उम्मीदों पर पानी फेरते हुए ठाकरे ने कहा, "प्रधानमंत्री पद के दावेदारों की लम्बी कतार है। केवल सुषमा इस पद की लायक हैं, बुद्धिमान हैं और प्रधानमंत्री पद के लिए सर्वोत्कृष्ट पसंद मानी जा सकती हैं।"

ठाकरे ने वरिष्ठ भाजपा नेता लालकृष्ण आडवाणी द्वारा हाल ही में की गई इस भविष्यवाणी को भी स्पष्ट रूप से दरकिनार किया कि देश की अगली सरकार गैर संप्रग (संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन) और गैर राजग पार्टियां बनाएंगी। उन्होंने कहा, "वह (आडवाणी) मुझसे नौ महीने छोटे हैं। मैं उम्र में हालांकि उनसे बड़ा हूं और मुझे बोलने का अधिकार है, फिर भी मैं महसूस करता हूं कि उनके खिलाफ कुछ भी बोलना कठिन है। उन जैसे व्यक्ति से हम क्या अपेक्षा रख सकते हैं? आश्चर्य है कि उन्होंने ऐसी बात क्यों कही..।"

तीसरे मोर्चे के मुलायम सिंह यादव, मायावती, शरद पवार या जयललिता जैसे प्रधानमंत्री पद के दावेदारों के बारे में पूछे जाने पर ठाकरे ने यह कहकर इन सभी को खारिज कर दिया कि ये केवल 'कुर्सी' चाहते हैं। उन्होंने कहा कि इन नेताओं में से प्रत्येक के पिछले रिकार्ड पर गौर किया जाए तो पाएंगे कि इनमें से किसी ने भी देश के लिए कोई विशिष्ट योगदान नहीं दिया है।

यह पूछे जाने पर कि महाराष्ट्र में शिव सेना और भाजपा का गठबंधन है और क्या यह 'मजबूत' है, ठाकरे ने कूटनीतिक शब्दों में कहा कि बदली हुई परिस्थितियों में इस गठबंधन की व्याख्या करने के लिए यह उपयुक्त शब्द नहीं होगा। उन्होंने जवाब दिया, "मौजूदा सोच अलग है। राजग में शामिल पार्टियों और उनके नेताओं के बीच व्यक्तिगत तथा राजनीतिक शत्रुता है। पहले राजग के पास अटल बिहारी वाजपेयी के रूप में एक प्रभावशाली नेतृत्व था। ऐसा कोई नेता अब उसके पास नहीं है। मैं यह बात समूचे राजग के बारे में कह रहा हूं, सिर्फ भाजपा के संदर्भ में नहीं।"

भाजपा नेता बलबीर पुंज ने ठाकरे के बयान का स्वागत करते हुए कहा कि भाजपा अपने अस्तित्व के लिए किसी एक परिवार विशेष पर आश्रित नहीं है। उन्होंने कहा, "बाला साहब ने जो कहा हम उसका स्वागत करते हैं।"

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भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष मुख्तार अब्बास नकवी ने कहा, "यह हमारे लिए खुशी की बात है कि हमारे यहां कई ऐसे नेता हैं तो जो प्रधानमंत्री के काबिल, योग्य और प्रभावी हैं। पार्टी में इस मसले पर चर्चा होगी और उपयुक्त समय पर नाम की घोषणा की जाएगी।"