भारत पर हमलों के दौरान मुगलों और अफगानी हमलावरों का बेस था बालाकोट

खैबर पख्तून के बालाकोट इलाके में बीच में जंगल और चारों ओर खड़े पत्थरों के पहाड़, एलओसी से हवाई सीमा करीब 60 किलोमीटर

भारत पर हमलों के दौरान मुगलों और अफगानी हमलावरों का बेस था बालाकोट

बालाकोट में आतंकियों के कैंप का एक हिस्सा.

खास बातें

  • बालाकोट में जैश का मुख्य ट्रेनिंग सेंटर था, 6 बैरकों में आतंकी रह रहे थे
  • आतंकवादी सरगना मसूद अजहर का साला यूसुफ अजहर कैम्प का प्रमुख था
  • सन 1971 के बाद पहली बार वायुसेना ने एलओसी क्रॉस करके हमला किया
नई दिल्ली:

भारतीय वायुसेना ने पाकिस्तान में आतंकियों के ठिकानों पर हमला किया. यह हमला बालाकोट में  किया गया. सूत्रों के मुताबिक बालाकोट वही जगह है जिसे कभी मुगलों और अफगानियों ने भारत पर हमलों के दोरान अपना बेस बनाया था.    

सन 1971 के बाद यह पहली बार हुआ जब भारतीय वायुसेना ने नियंत्रण रेखा (एलओसी) को क्रॉस करके पाक पर हमला किया. वायुसेना ने सिर्फ डेढ़ मिनट में आतंकी गढ़ बालाकोट को तबाह कर दिया. इस हमले में करीब 300 आतंकी मारे गए.

भारत पर कुछ सदियों पहले अफगानियों और मुगलों ने हमले किए थे. इन हमलों के दौरान इन दोनों हमलावरों ने अपना बेस बालाकोट को बनाया था. अब भारत ने इस स्थान पर हमला करके वहां मौजूद आतंकी कैंपों को नेस्तनाबूत कर दिया. वायुसेना ने पक्की खुफिया जानकारी के आधार पर ही यह कार्रवाई की.  

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सूत्रों ने बताया कि बालाकोट इलाके में बीच में जंगल है और चारों ओर खड़े पत्थरों के पहाड़ हैं. यह खैबर पख्तून का इलाका है. इस स्थान की एलओसी से हवाई सीमा करीब 60 किलोमीटर है. हमले में 250 से 300 आतंकियों के मारे जाने की संभावना है.

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सूत्रों के मुताबिक पुलवामा हमले के बाद पाकिस्तान में आतंकी लॉन्चिंग पैड से पीछे आ गए थे. बालाकोट में जैश का मुख्य ट्रेनिंग सेंटर था जिसमें 6 बैरकों में आतंकी रहे रहे थे. यहां तीन तरह के कोर्स बेसिक, एडवांस और बैट चल रहे थे. हर कोर्स करीब तीन महीने का होता था. मसूद अजहर के बेटे की ट्रेनिंग यहीं पर हुई थी. 160 बैट कमांडो की ट्रेनिंग जुलाई 2017 में यहीं हुई थी. मसूद अजहर का साला यूसुफ अजहर इस कैम्प का प्रमुख था. पुलवामा हमले का मास्टरमाइंड अब्दुल रशीद गाजी की ट्रेनिंग यहीं हुई थी.

VIDEO : आतंकी संगठन जैश के ठिकाने तबाह

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बालाकोट पर इंडियन एयर फोर्स मिराज का अटैकिंग समय महज डेढ़ मिनट था. यह पूरी कार्रवाई 20 मिनट में पूरी हो गई. इस समय में लड़ाकू विमानों का आना-जाना शामिल है. हमला लेजर गाइडेड बम से किया गया. सारे निशाने पूरी तरह सटीक बैठे.