खास बातें
- सर्वोच्च न्यायालय ने सरकार से जानना चाहा कि उसने गैर सरकारी संगठन, कॉमन कॉज द्वारा एनएचआरसी के अध्यक्ष न्यायमूर्ति केजी बालाकृष्णन के खिलाफ लगाए गए आरोप पर क्या कार्रवाई की।
नई दिल्ली: सर्वोच्च न्यायालय ने सोमवार को सरकार से जानना चाहा कि उसने गैर सरकारी संगठन, कॉमन कॉज द्वारा राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (एनएचआरसी) के अध्यक्ष न्यायमूर्ति केजी बालाकृष्णन के खिलाफ लगाए गए आरोप पर क्या कार्रवाई की। इस संगठन ने न्यायमूर्ति बालाकृष्णन के खिलाफ अनाचार के आरोप लगाए हैं।
सर्वोच्च न्यायालय के प्रधान न्यायाधीश एसएस कपाड़िया की अध्यक्षता वाली पीठ ने महान्यायवादी जी वाहनवती से कहा कि वह न्यायालय को सूचित करें कि क्या गैर सरकारी संगठन द्वारा की गई शिकायत पर सरकार ने कोई कार्रवाई की है या नहीं, या सरकार ने इसके बारे में क्या कुछ करने का प्रस्ताव किया है।
याचिकाकर्ता, ने आरोप लगाया है कि जब न्यायमूर्ति केजी बालाकृष्णन सर्वोच्च न्यायालय में न्यायाधीश थे, तो उस समय उनके दो दामादों और भाई सहित उनके कई रिश्तेदारों ने 40 करोड़ रुपये की सम्पत्ति जमा की थी। न्यायालय ने मामले की अगली सुनवाई के लिए 12 मार्च की तारीख तय की है। इस समय तक केंद्र सरकार को इस बारे में न्यायालय को सूचित करना है कि उसने कॉमन कॉज की शिकायत पर क्या कार्रवाई की।