आरोप तय होने के बाद किसी को चुनाव लड़ने से रोका जाए या नहीं, सुप्रीम कोर्ट करेगा सुनवाई

आरोप तय होने के बाद किसी को चुनाव लड़ने से रोका जाए या नहीं, सुप्रीम कोर्ट करेगा सुनवाई

सुप्रीम कोर्ट (फाइल पोटो)

नई दिल्ली:

सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि अपराध में आरोप तय होने पर क्या चुनावों में किसी को चुनाव लड़ने से रोका जाए, इस पर जल्द सुनवाई की जरूरत है.

चीफ जस्टिस जेएस खेहर ने कहा कि जल्द ही इस पर पांच जजों की संविधान पीठ का गठन किया जाएगा. अगले चुनाव से पहले सुप्रीम कोर्ट इस मामले में अपना फैसला देगा कि क्या ऐसे लोगों पर रोक लगे या नहीं. यह भी देखना होगा कि कहीं इससे लोगों के खिलाफ फर्जी मामले दर्ज न होने लगें.

बीजेपी प्रवक्ता अश्विनी उपाध्याय की याचिका में कहा गया है कि फिलहाल 33 फीसदी सांसद और विधायकों पर गंभीर आरोप हैं. ऐसे लोगों को चुनाव लड़ने से रोका जाए. याचिकाकर्ता ने कोर्ट को बताया कि 8 मार्च 2016 को सुप्रीम कोर्ट ने मामले को संविधान पीठ को भेजा था, लेकिन अब तक गठन नहीं हो पाया.

जिन पर आरोप तय हो गए उन्हें चुनाव से रोका जाए ये लॉ कमिशन, चुनाव आयोग समेत कई आयोग रिपोर्ट दे चुके हैं. इसके अलावा इसी को लेकर सुप्रीम कोर्ट में 2011 में पूर्व चुनाव आयुक्त जे एम लिंगदोह ने भी याचिका दाखिल की थी. अब चुनाव सुधार को लेकर इन मामलों की जल्द सुनवाई के लिए चीफ जस्टिस पांच जजों की संविधान पीठ का गठन करें.


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