मिलिंद देवड़ा की फाइल फोटो
नई दिल्ली: पूर्व केंद्रीय मंत्री मिलिंद देवड़ा ने सोमवार को कहा कि सरकार की ओर से इंटरनेट सेवा प्रदाताओं को 857 पोर्न वेबसाइट्स को प्रतिबंधित करने का आदेश दिया जाना देश के ‘तालिबानीकरण’ जैसा है।
आपको बता दें कि शनिवार को 800 से ज्यादा ऐसी वेबसाइट्स को प्रतिबंधित कर दिया गया जो भारत सरकार के मुताबिक 'पोर्न' परोस रही थी।
सरकार के इस फैसले से खफा देवड़ा ने ट्वीट किया, ‘और सरकार ने भारत के तालिबानीकरण की दिशा में एक और कदम उठाया है।’
कांग्रेस नेता ने कहा, ‘ताजा प्रतिबंध पोर्न को पसंद अथवा नापंसद करने के बारे में नहीं है। यह सरकार की ओर से निजी आजादी को बंधक बना लेने के बारे में है। आगे वे क्या फोन और टीवी पर प्रतिबंध लगाएंगे।’
उधर, फिल्मकार रामगोपाल वर्मा ने पोर्न वेबसाइट्स पर प्रतिबंध लगाने के सरकार के फैसले पर विरोध जाहिर करते हुए कहा है कि सरकार द्वारा निजी आजादी को किसी तरह से नुकसान पहुंचाना देश की सामाजिक प्रगति को पीछे की ओर ले जाना है।
वर्मा ने कई ट्वीट करके सरकार को पोर्न की लोकप्रियता को लेकर आगाह किया और कहा कि जो सरकार इसे प्रतिबंधित करती है अगले चुनाव में उसका सफाया निश्चित है।
उधर लेखक चेतन भगत ने भी पोर्न वेबसाइट्स पर बैन का विरोध किया है। भगत ने ट्विटर पर लिखा, पोर्न पर बैन आजादी के खिलाफ, अव्यवहारिक और लागू ना किए जा सकने वाला है। और राजनीतिक रूप से भी बुद्धिमता वाला कदम नहीं है और इससे बचा सकता है। लोगों की निजी जिंदगी को मैनेज ना करें।
भगत ने ट्विटर लिखा, 'पोर्न बैन मत करो, बल्कि मर्दों का औरतों को घूरना, उनकी बिना इजाजत के उन्हें छूना, उन्हें पकड़ना, उनका शोषण करना, उन्हें गाली देना, उनकी बेइज़्ज़ती करना और रेप करना बैन करो. सेक्स मत बैन करो।'