बेंगलुरु की सड़क पर झाग ही झाग, VIDEO देखेंगे तो आप भी रह जाएंगे हैरान

डियो में देखा जा सकता है कि कैसे झाग सड़कों तक पहुंच गया है और गाड़ियों की आवाजाही में इससे दिक्कत आ रही है.

खास बातें

  • बेंगलुरु की वार्थूर झील का झाग सड़कों पर आ गया है
  • बेलंदूर झील में अक्सर आग लगने की खबरें आती रहती हैं.
  • आसपास के लोगों को हो रही है परेशानी
बेंगलुरु:

बेंगलुरु की वार्थूर झील का झाग सड़कों पर आ गया है. बेलंदूर झील के साथ-साथ वार्थूर झील से भी झाग निकल रहा है. बेलंदूर झील में अक्सर आग लगने की खबरें आती रहती हैं. बेलंदूर और वार्थूर झील के आसपास रिहायशी इलाके हैं, जिससे लोगों को परेशानी हो रही है. वीडियो में देखा जा सकता है कि कैसे झाग सड़कों तक पहुंच गया है और गाड़ियों की आवाजाही में इससे दिक्कत आ रही है.

कुछ दिन पहले ही बेलंदूर झील को लेकर कर्नाटक सरकार को सख्त फैसला लेना ही पड़ा. झील को प्रदूषण करने वाले 76 उद्योगों को सरकार ने बंद कर दिया. नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल के आदेश के बाद राज्य सरकार को यह कदम उठाना पड़ा. बेलंदूर झील में कभी प्रदूषण के कारण झाग उठने तो कभी आग लगने की खबरें काफी अरसे से आती रही थीं. झील के आसपास के अपार्टमेंटों को भी जलमल शोधन के लिए सख्त निर्देश दिए गए हैं.

कर्नाटक राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (केएसपीसीबी) ने शुक्रवार को यहां स्थित बेलंदूर झील को प्रदूषित करने वाली 76 औद्योगिक इकाइयों को बंद कर दिया. यह कदम राष्ट्रीय हरित न्यायाधिकरण ( नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल) द्वारा गुरुवार को पारित एक आदेश के बाद उठाया गया.

केएसपीसीबी के अध्यक्ष लक्ष्मण ने कहा था कि हमने झील के चारों ओर मौजूद 76 उद्योगों को बंद करने के आदेश दिए हैं और बेंगलुरु विद्युत आपूर्ति कंपनी बेस्कॉम को उनकी बिजली काटने के निर्देश दिए हैं. न्यायमूर्ति स्वतंत्र कुमार की अध्यक्षता वाली न्यायाधिकरण की पीठ ने केएसपीसीबी को निर्देश दिया कि वह 910 एकड़ की झील के चारों ओर स्थित उद्योगों का व्यक्तिगत तौर पर निरीक्षण कर यह पता करे कि औद्योगिक इकाइयां बंद कर दी गई, या नहीं. बोर्ड ने झील के दायरे में स्थित 157 अपार्टमेंटों को भी निर्देश दिया कि वे गंदे पानी को झील में जाने से रोकने के लिए जलमल शोधन संयंत्र लगवाएं. लक्ष्मणन ने कहा, "हमने उद्योगों और अपार्टमेंट मालिकों से दृढ़ता के साथ कहा है कि एनजीटी के आदेश का पालन किया जाए. अपार्टमेंटों की तरफ से यदि जलमल शोधन संयंत्र नहीं लगाए गए तो उन्हें विद्युत आपूर्ति नहीं की जाएगी.
(इनपुट्स एजेंसी से भी)
 


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