यह ख़बर 17 अगस्त, 2013 को प्रकाशित हुई थी

बीजेपी की अपने नेताओं को सलाह, आक्रामक हों, लेकिन शालीनता न छोड़ें

बीजेपी की मीडिया कार्यशाला के उद्घाटन के दौरान मौजूद पार्टी नेता

खास बातें

  • बीजेपी के वरिष्ठ नेताओं ने सभी राज्यों के पार्टी के प्रवक्ताओं और मीडिया प्रकोष्ठ के पदाधिकारियों से कहा कि वे कांग्रेस के प्रति और आक्रमक रुख अपनाएं, लेकिन ऐसा करते हुए शालीनता और गरिमा का दामन न छोड़ें।
नई दिल्ली:

भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के वरिष्ठ नेताओं ने यहां एकत्र हुए सभी राज्यों के पार्टी के प्रवक्ताओं और मीडिया प्रकोष्ठ के पदाधिकारियों से कहा कि वे कांग्रेस के प्रति और आक्रमक रुख अपनाएं, लेकिन ऐसा करते हुए शालीनता और गरिमा का दामन न छोड़ें।

बीजेपी के केंद्र और राज्यों के प्रवक्ताओं, मीडिया प्रकोष्ठ के प्रभारियों और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया में पेश होने वाले पैनेलिस्ट की 'कार्यशाला' में लोकसभा में विपक्ष की नेता सुषमा स्वराज और राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष अरुण जेटली ने उन्हें बताया कि राजनीतिक प्रतिद्वंद्वियों पर प्रहार करते समय किन बातों का परहेज करना चाहिए।

कार्यशाला का उद्घाटन करते हुए सुषमा ने कहा कि बीजेपी के नेताओं को कांग्रेस पर हल्ला बोलते समय अपने शब्दों पर बहुत ध्यान देना चाहिए, क्योंकि, एक बार मुंह से निकला शब्द वापस नहीं हो सकता है। कार्यशाला में मीडिया को आने की अनुमति नहीं थी।

सूत्रों के अनुसार सुषमा ने कहा कि पार्टी के प्रवक्ताओं और पैनेलिस्ट को 'एक वाणी' में बोलने की जरूरत है। राजनीतिक प्रतिद्वंद्वियों के आरोपों का जमकर प्रतिवाद करना चाहिए, लेकिन ऐसा करते हुए शालीनता और गरिमा का दामन कभी नहीं छोड़ना चाहिए। विपक्ष की नेता ने कहा कि कांग्रेस को अन्य मुद्दों के अलावा भ्रष्टाचार, अर्थव्यवस्ता की स्थिति और कुशासन के मुद्दों पर जमकर घेरना चाहिए।

राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष अरुण जेटली ने स्वतंत्रता दिवस के बाद गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी पर कांग्रेस के आरोपों से बीजेपी प्रवक्ता जिस तरह निपट रहे हैं, उस पर असंतोष जताया। उन्होंने कहा कि कांग्रेस को और आक्रामक ढंग से लिए जाने की जरूरत है।

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सूत्रों ने बताया, जेटली ने कहा कि बीजेपी प्रवक्ताओं को चाहिए कि वे कांग्रेस पर जवाबी हमले के लिए और अच्छी तरह से अपने को तैयार करें। जेटली ने कहा कि बीजेपी को चाहिए कि वह मीडिया और सार्वजनिक बहस के मुद्दे तय करे, न कि कांग्रेस की ओर से तय किए जा रहे एजेंडे का अनुसरण करें।