'थोड़ा जल्दी कीजिए...' तमिलनाडु उठापटक के बीच वीके शशिकला ने गवर्नर को लिखी चिट्ठी

'थोड़ा जल्दी कीजिए...' तमिलनाडु उठापटक के बीच वीके शशिकला ने गवर्नर को लिखी चिट्ठी

वीके शशिकला ने गवर्नर को चिट्ठी लिखकर जल्दी कार्यवाही करने की बात कही है

खास बातें

  • शशिकला ने गवर्नर से मिलने का वक्त मांगा है
  • मंत्री पंडियाराजन अब पन्नीरसेल्वम के खेमे में शामिल हुए
  • पंडियाराजन ने कहा है कि वह AIADMK को बचाने के लिए ऐसा कर रहे हैं
चेन्नई:

तमिलनाडु में सत्ता को लेकर चल रही उठापटक में वीके शशिकला को झटका लगा जब राज्य के मंत्री के पंडीयाराजन ने पाला बदलते हुए कहा कि वह AIADMK को बचाने के लिए ओ पन्नीरसेल्वम का समर्थन करेंगे. बता दें कि पंडियाराजन, पन्नीरसेल्वम के खेमे में शामिल होने वाले पहले मंत्री हैं और उनका इस पाले में जाना बहुत अहम माना जा रहा है. पंडियाराजन के आने से पन्नीरसेल्वम के इस दावे की पुष्टि होती है कि जिन्होंने शशिकला से वफादारी निभाने की कसम खाई थी, वह उनसे (पन्नीरसेल्वम) संपर्क में है. पंडियाराजन के अलावा नामक्कल और कृष्णागिरी से अन्नाद्रमुक के सांसद पी आर सुंदरम और के अशोक कुमार ने भी शशिकला के खिलाफ बगावत करने वाले पन्नीरसेल्वम को अपना समर्थन दे दिया.

उधर शशिकला ने राज्यपाल को चिट्ठी लिखकर कहा है कि पन्नीरसेल्वम को इस्तीफा दिए सात दिन गुजर चुके हैं और उनके पास पूर्ण बहुमत भी है. ऐसे में संविधान की संप्रभुता, प्रजातंत्र और राज्य के हित के लिए महामहिम जल्द से जल्द कार्यवाही करेंगे तो बेहतर होगा.

इससे पहले शिक्षा मंत्रालय संभाल रहे पंडियाराजन ने एक ट्वीट में इस बात की तरफ इशारा किया था कि वह AIADMK की इस रस्साकशी में पन्नीरसेल्वम के खेमे में जा सकते हैं.
 

 
इसके साथ ही शशिकला ने अपने विधायकों के साथ तमिलनाडु के गवर्नर सीवीआर से मिलने का वक्त भी मांगा है ताकि वह सरकार का गठन कर सकें. पोयस गार्डन निवास से शशिकला को यह कहते हुए भी सुना गया है कि हम एक हद तक ही संयम बरत सकते हैं. इसके बाद हम वही करेंगे जो हमें ठीक लगता है. इसके अलावा उन्होंने जया द्वारा किए गए संघर्ष के साथ इस संकट की स्थिति तुलना की और कहा कि 'हम भी उन्हीं की तरह लड़ेंगे और जीतकर दिखाएंगे.'

गौरतलब है कि जहां शशिकला को उनकी पार्टी के ज्यादातर सदस्यों का समर्थन हासिल है, वहीं जनता का झुकाव पन्नीरसेल्वम की ओर ज्यादा दिखाई दे रहा है और वे चाहती है कि वही राज्य के मुख्यमंत्री बने रहें. उन्हें दो बार पूर्व पार्टी प्रमुख जयललिता द्वारा इस पद के लिए चुना गया था, एक बार जब उन्हें भ्रष्टाचार के मामलों की वजह से इस्तीफा देना पड़ा ता और दूसरी बार जब वह बीमारी की वजह से अस्पताल में भर्ती हो गई थीं.

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