यह ख़बर 16 दिसंबर, 2011 को प्रकाशित हुई थी

2जी घोटाला : बेहुरा की जमानत अर्जी खारिज

खास बातें

  • 2जी घोटाले के आरोपी पूर्व दूरसंचार सचिव सिद्धार्थ बेहुरा की जमानत अर्जी दिल्ली हाईकोर्ट ने खारिज कर दी है। इस मामले में 12 लोगों को जमानत मिल चुकी है।
New Delhi:

2जी घोटाले के आरोपी पूर्व दूरसंचार सचिव सिद्धार्थ बेहुरा की जमानत अर्जी दिल्ली हाईकोर्ट ने खारिज कर दी है। बेहुरा उन 14 लोगों में शामिल हैं, जिन्हें इस घोटाले के सिलसिले में गिरफ्तार किया गया था। इस घोटाले का मास्टरमाइंड पूर्व टेलीकॉम मंत्री ए राजा को बताया जाता है, जो अब भी जेल में हैं। इससे पहले, डीएमके सांसद कनिमोई समेत 12 आरोपियों को जमानत दी जा चुकी है। बेहुरा को इस साल 2 फरवरी को पूर्व दूरसंचार मंत्री ए राजा के साथ गिरफ्तार किया गया था। न्यायमूर्ति वीके शाली ने खचाखच भरे अदालत के कक्ष में बेहुरा की जमानत अर्जी पर फैसला सुनाते हुए कहा, जमानत अर्जी खारिज की जाती है। न्यायमूर्ति शाली ने हालांकि अपने फैसले का वह हिस्सा नहीं पढ़ा, जिसमें पूर्व दूरसंचार सचिव की जमानत अर्जी खारिज किए जाने के आधार का उल्लेख है। इसी अदालत ने 28 नवंबर को 2जी मामले में डीएमके सांसद कनिमोई और बॉलीवुड फिल्मकार करीम मोरानी समेत पांच अन्य आरोपियों को जमानत दे दी थी। पांचों आरोपियों को जमानत देते हुए न्यायमूर्ति शाली ने बेहुरा की जमानत अर्जी पर फैसला सुरक्षित रखा था। उन्होंने कहा था कि बेहुरा का मामला अन्य आरोपियों से अलग है, क्योंकि वह सरकारी अधिकारी थे। अब केवल बेहुरा और पूर्व दूरसंचार मंत्री ए राजा जेल में हैं, क्योंकि सभी 12 अन्य को अनेक अदालतों ने जमानत दे दी। इससे पहले 1 दिसंबर को सुनवाई के दौरान सीबीआई ने उनकी जमानत अर्जी को खारिज करते हुए कहा था कि सरकारी सेवकों की मिलीभगत को गंभीरता से लिया जाना चाहिए और यदि उन्हें रिहा किया जाता है, तो पूर्व मंत्री राजा भी इसी आधार पर राहत मांग सकते हैं। बेहुरा ने कनिमोई और द्रमुक संचालित कलैंगनर टीवी के प्रबंध निदेशक शरद कुमार और कुसेगांव फूट्र्स एंड वेजिटेबल्स प्राइवेट लिमिटेड के निदेशकों राजीव अग्रवाल और आसिफ बलवा समेत चार अन्य के साथ हाईकोर्ट से जमानत की मांग की थी। उन्होंने 3 नवंबर के निचली अदालत के फैसले को चुनौती दी थी, जिसमें उन्हें जमानत से इनकार किया गया था। बेहुरा और अन्य पांच लोगों ने हाईकोर्ट से जमानत मांगते हुए दावा किया था कि उनकी स्थिति उन्हीं लोगों की तरह है, जिन्हें शीर्ष अदालत ने जमानत दी है।(इनपुट भाषा से भी)


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