बंगाल BJP प्रमुख दिलीप घोष ने फिर दोहराई हिंसा की धमकी - ''क्या हमें उन्हें चाय परोसनी चाहिए?''

"सरकार से पूछिए कि हर दिन बम विस्फोट क्यों होते हैं? राजनीतिक कार्यकर्ताओं की हत्या क्यों की जाती है? क्या एक भी व्यक्ति को दंडित किया गया है?"

बंगाल BJP प्रमुख दिलीप घोष ने फिर दोहराई हिंसा की धमकी - ''क्या हमें उन्हें चाय परोसनी चाहिए?''

कोलकाता:

West Bengal BJP Chief : पश्चिम बंगाल भाजपा के प्रमुख दिलीप घोष (Dilip Ghosh) शुक्रवार को एक फिर आंख के बदले आंख की अपनी खुली धमकी को दोहराया, उन्होंने कहा कि जो भी उन्हें या उनकी पार्टी के कार्यकर्ताओं को निशाना बनाएगा उससे हिंसा से ही निपटा जाएगा. फिर चाहे वो अगले साल होने वाले विधानसभा चुनावों के लिए भेजे गए केंद्रीय बल ही क्यों ना हो. 

घोष ने एनडीटीवी को दिए इंटरव्यू में बताया, "वे मेरी कार को निशाना बनाएंगे, वे मेरे कार्यकर्ताओं के हाथ और पैर तोड़ देंगे, वे उन्हें लिंच करेंगे - क्या हमें उन्हें चाय परोसनी चाहिए? हमने यह कहने के लिए कोई कागज़ नहीं दिया है कि हम खड़े होकर पिटाई करेंगे."

उन्होंने कहा, "हम कुछ वातानुकूलित कमरे से नहीं बोल रहे हैं. हम जमीन पर लड़ रहे हैं.  120 कार्यकर्ताओं ने अपना बलिदान दिया है," यह पूछे जाने पर कि क्या भाजपा ने हिंसा का समर्थन किया,  उन्होंने कहा, "मैंने कभी नहीं कहा कि भाजपा किसी को पीटेगी. मैंने कहा कि केंद्रीय बल जो यहां आते हैं वो किसी को भी पीट देंगे जो समस्या पैदा करेगा. ''

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ममता बनर्जी के नेतृत्व वाली पश्चिम बंगाल में तृणमूल कांग्रेस सरकार पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा, "सरकार से पूछिए कि हर दिन बम विस्फोट क्यों होते हैं? राजनीतिक कार्यकर्ताओं की हत्या क्यों की जाती है? क्या एक भी व्यक्ति को दंडित किया गया है?"

इस महीने की शुरुआत में दिलीप घोष ने मुख्यमंत्री ममता बनर्जी (Mamata Banerjee) के समर्थकों को एक विवादास्पद चेतावनी जारी करते हुए कहा कि उन्हें अपने तरीके से संभलना चाहिए या वे अपने हाथ और पैर टूट जाने का जोखिम उठा सकते हैं और यहां तक कि मारे भी जा सकते हैं. घोष ने हल्दिया में एक रैली में कहा कि "दीदी के भाई, जो परेशानी पैदा कर रहे हैं, उन्हें अगले छह महीनों में अपनी आदतें बदल लेनी चाहिए अन्यथा आपके हाथ, पैर, पसली और सिर टूट जाएगा. आपको अस्पताल की यात्रा करनी होगी. और यदि आप इससे अधिक करते हैं, तब आपको श्मशान जाना पड़ेगा.”

तृणमूल कांग्रेस की नेत्री ममता बनर्जी को दीदी के नाम से जाना जाता है.  पश्चिम बंगाल में तृणमूल (Trinamool) और बीजेपी के बीच कड़वी प्रतिद्वंद्विता बढ़ गई है. राज्य में अगले साल विधानसभा चुनाव होना है. दोनों पक्षों ने एक-दूसरे पर राजनीतिक हिंसा और एक-दूसरे के समर्थकों पर हमले करने के आरोप लगाए हैं.

दिलीप घोष की टिप्पणी केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की बंगाल यात्रा के दो दिन बाद आई है. शाह ने राज्य की 294 सीटों में से 200 सीटें जीतने का महत्वाकांक्षी लक्ष्य रखा है.

कुछ लोग चुनाव में बंगाल आते हैं, लंबे-चौड़े वादे करके लौट जाते हैं: ममता
भाजपा पर परोक्ष निशाना साधते हुए पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने शुक्रवार को कहा कि कुछ लोग चुनाव से पहले राज्य में आते हैं और लंबे-चौड़े वादे करके लौट जाते हैं, लेकिन वह पूरे समय जनता के साथ खड़ी रहती हैं.  शहर में एक छठ पूजा समारोह का उद्घाटन करते हुए बनर्जी ने कहा कि उनकी सरकार चुनावों के दौरान केवल भाषण देने में भरोसा नहीं करती. पिछले कुछ महीनों में पश्चिम बंगाल आए भाजपा के केंद्रीय नेताओं का नाम लिये बगैर बनर्जी ने कहा, ‘‘कुछ लोग हैं जो केवल चुनाव से पहले और चुनाव के दौरान राज्य में आते हैं. वे लंबे-चौड़े भाषण देते हैं और उसके बाद लौट जाते हैं. उनके उलट हम पूरे साल, हर हाल में जनता के साथ रहते हैं.' 

पश्चिम बंगाल में अगले साल अप्रैल-मई में विधानसभा चुनाव होने हैं. लोगों से कोविड-19 के नियमों का पालन करते हुए छठ पूजा में शामिल होने का अनुरोध करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि उनकी सरकार ने लोगों को ईद, दुर्गा पूजा, काली पूजा और अब छठ मनाने से नहीं रोका. बनर्जी ने कहा कि अनेक राज्यों ने लोगों से घरों में छठ पूजा करने को कहा है लेकिन हमने लोगों को छोटे समूहों में तालाबों और सरोवरों तक जाने की अनुमति दी है.

(इनपुट एजेंसी भाषा से भी)

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