यह ख़बर 20 अप्रैल, 2011 को प्रकाशित हुई थी

भूषण को समिति से हटाएं : एबीवीपी

खास बातें

  • माधव ने कहा, अन्ना हजारे के आंदोलन को समर्थन करते समय सरकार्यवाह की ओर से भेजे पत्र में भ्रष्टाचार के खिलाफ बड़ी लड़ाई में अन्ना हजारे, बाबा रामदेव समेत सभी पक्षों एवं लोगों को समर्थन देने की बात कही गई थी।
New Delhi:

लोकपाल विधेयक का मसौदा तैयार करने के लिए गठित संयुक्त समिति के सदस्य वरिष्ठ अधिवक्ता शांति भूषण और प्रशांत भूषण के विवादों में घिरने के बीच राष्ट्रीय स्वंसेवक संघ (आरएसएस) की युवा शाखा अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) ने जहां दोनों पिता-पुत्र को समिति से हटाने की मांग की है वहीं संघ (आरएसएस) ने कहा है कि संयुक्त समिति में कौन रहेगा और कौन नहीं, इससे उसका कोई लेना-देना नहीं है। एबीवीपी के महासचिव उमेश दत्त ने बुधवार को कहा कि विद्यार्थी परिषद भ्रष्टाचार के खिलाफ अन्ना हजारे के आंदोलन का समर्थन करती है लेकिन लोकपाल विधेयक का मसौदा तैयार करनी वाली समिति में निष्कलंक और साफ छवि वाले लोग होने चाहिए। उन्होंने कहा कि इन मापदंडों को नजरंदाज नहीं किया जा सकता है और समिति से शांति भूषण और प्रशांत भूषण को हटाया जाना चाहिए। बहरहाल, संयुक्त समिति में शामिल शांति भूषण और प्रशांत भूषण से जुड़े विवाद और एबीवीपी समेत कई संगठनों की ओर से उन्हें समिति से हटाये जाने की मांग के बारे में पूछे जाने पर संघ के वरिष्ठ प्रचारक राम माधव ने कहा, अन्ना हजारे के आंदोलन को समर्थन करते समय सरकार्यवाह की ओर से भेजे पत्र में भ्रष्टाचार के खिलाफ बड़ी लड़ाई में अन्ना हजारे, बाबा रामदेव समेत सभी पक्षों एवं लोगों को समर्थन देने की बात कही गई थी। उन्होंने कहा, हम आज भी उसी रूख पर कायम हैं। संयुक्त समिति में कौन रहेगा, कौन नहीं रहेगा, इससे हमारा कोई मतलब नहीं है। हम भ्रष्टाचार के खिलाफ बड़ी लड़ाई को आगे बढ़ाना चाहते हैं। माधव ने कहा कि हमने भ्रष्टाचार के खिलाफ संघर्ष को आगे बढ़ाने वाले सभी लोगों को समर्थन दिया है-बाकी मुद्दों के बारे में अन्य लोग सोचें। गौरतलब है कि आरएसएस के सरकार्यवाह सुरेश (भैया) जोशी ने हजारे को लिखे पत्र में कहा था, भ्रष्टाचार के विरूद्ध आपके प्रयासों का राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ का पूर्ण समर्थन है। हमारा मानना है कि भ्रष्टाचार के विरोध में चल रहे सभी प्रयास तथा आंदोलनों के समन्वित प्रयासों से अपेक्षित परिणाम अवश्य प्राप्त होंगे। पत्र में कहा गया था कि, आपकी ओर से शुरू किए गए भ्रष्टाचार विरोधी अभियान तथा व्यवस्था परिवर्तन के लिए आरंभ किये गए आमरण अनशन को सभी देशभक्तों का समर्थन मिल रहा है। वैयक्तिक शुचिता के साथ भ्रष्टाचार के विरूद्ध ऐसे सारे प्रयासों को मुखर जनमत के समर्थन की जरूरत के साथ संघ के स्वयंसेवक स्थान स्थान पर भ्रष्टाचार के खिलाफ चल रहे आंदोलनों में सहभागी हो रहे हैं।


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