
DSP देवेंदर सिंह को आतंकियों के साथ गिरफ्तार किया गया है.
8 बड़ी बातें
देविंदर सिंह की गिरफ़्तारी से श्रीनगर से नई दिल्ली तक ख़तरे की घंटियां बजने लगी हैं. वो एयरपोर्ट की सुरक्षा में तैनात एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी था- यहां, वो बस कुछ ही दिन पहले जम्मू-कश्मीर में दो दिन के दौरे पर आने वाले विदेशी राजनयिकों का स्वागत कर रहा था.
जिन लोगों को वो लेकर जा रहा था, वे कट्टर आतंकवादी हैं. नावीद कश्मीर में हिज़्बुल मुजाहिदीन की कमान में दूसरे नंबर पर है. सोशल मीडिया के प्रचार में भी उसकी तस्वीरें हैं. 11 मज़दूरों और कई सुरक्षाकर्मियों पर हमले के सिलसिले में पुलिस को उसकी तलाश है. उसके सिर पर 20 लाख रुपये का इनाम है.
हिज़्बुल मुजाहिदीन का इरफ़ान बीते कुछ सालों में 5 बार पाकिस्तान जा चुका है. रफ़ी भी हिज़्बुल मुजाहिदीन का है. पुलिस अफसर के साथ 26 जनवरी से पहले दिल्ली जा रहे आतंकियों की ख़बर के बाद कई गंभीर सवाल उठ खड़े हुए हैं.
सूत्रों ने NDTV को बताया कि राष्ट्रपति पुलिस पदक से सम्मानित पुलिस अधिकारी ने नवीद को कई बार अलग-अलग जगहों पर पहुंचाया था. पिछले साल, वह उसे जम्मू ले गया था.
सूत्रों का कहना है कि देवेंदर सिंह से आतंकियों जैसा ही सलूक किया जा रहा है और सुरक्षा और खुफिया एजेंसियों की टीम उससे पूछताछ कर रही है.
पुलिस सूत्रों ने बताया कि वह शुक्रवार सुबह से ही देवेंद्र सिंह और नवीद बाबू की गतिविधियों पर नजर रखे हुए थे.
देवेंदर सिंह जब कथित रूप से तीनों आतंकियों को शुक्रवार की शाम अपने घर ले गया तो सादे कपड़ों में पुलिसकर्मी पहले से ही उसपर नजर बनाए हुए थे.
2013 में देवेंद्र सिंह तब चर्चा में आया था जब संसद पर हमले के आरोपी अफजल गुरु द्वारा लिखी गई एक चिट्ठी, जिसमें दावा किया गया था अधिकारी ने उसे संसद हमले के एक आरोपी को साथ दिल्ली ले जाने और उसके रहने की व्यवस्था करने को कहा था.