सवाल: बिहार का चुनाव अपने चरम पर पहुंच रहा है. शिवानंद तिवारी जी इस बार का जो चुनाव है, आप इतने सीनियर पॉलीटिशियन हैं तो आपको इस बार क्या लगता है?
जवाब: इस बार नीतीश कुमार के खिलाफ जबरदस्त रोष है लोगों के अंदर कि एकदम बिल्कुल नीतीश जी अपना बैलेंस बिल्कुल खो चुके हैं. मतलब नीतीश जी एक शालीन नेता के रूप में छवि बनी हुई है. भाषा के मामले में बहुत सतर्क रहते हैं लेकिन जिस ढंग से वह लालू यादव पर हमला कर रहा है, पति-पत्नी का राज, यह लोग जेल में जाएंगे.. इस तरह की भाषा नीतीश कुमार के लोग इस्तेमाल करते थे लेकिन उसी भाषा को नीतीश कुमार इस्तेमाल करते हैं. अब यह लगता है कि उनके मन में डर पैदा हो गया कि शायद वह अंतिम पारी मुख्यमंत्री के रूप में हैं. देखिए आपको याद होगा हमारे यहां बचपन में जब कोई बच्चा रोता था तो दादी नानी कहती थी चुप हो जाओ, नहीं तो कोका पकड़ लेगा. तो लालू यादव को बिहार की राजनीति में लोग कोका बनाकर पेश कर रहे हैं. 15 वर्षों में आप ने शासन किया आपके पास सकारात्मक बात कुछ कहने के लिए नहीं है तो उस पर आप वोट मांगे सब. इन 15 वर्षों में बहुत कुछ बदल गया. नए नौजवान हैं 65-70 परसेंट नौजवान हैं, उनको क्या मालूम कि लालू यादव के राज में क्या हुआ था. उन्होंने यही सुना है कि लालू यादव ने जो दबा कुचला समाज था उनको आजादी दिलाई तो उनकी पर्सनालिटी दलितों को उठाने वाली है गुंडा की नहीं है.
सवाल: आपको लगता है कि इस बार की जो राजनीति है, वह युवा की है. तेजस्वी यंग हैं, चिराग यंग है?
जवाब: जी बिल्कुल देखिए पीढ़ी बदल रही है. एक पीढ़ी उस समय बदली जब जयप्रकाश नारायण जी का आंदोलन चल रहा था. तो उस समय जो पुरानी पीढ़ी थी वह रिप्लेस हुई. जो नए लोग से, हम लोग से जयप्रकाश आंदोलन से जो निकले लोग थे उनके हाथ में थी. अब यह पीढ़ी पुरानी हो गई. अब नए लोग निकल रहे हैं. अब नीतीश जी का दुर्भाग्य यह है कि उनका जो बेटा है निशी, मेरा भतीजा है, दुलरुआ है. जब वह पैदा हो रहा था तो हम लोग नर्सिंग होम की सीढ़ियों पर बैठकर इंतजार कर रहे थे थे. लेकिन उसने इनकार कर दिया, हमको राजनीति से कोई मतलब नहीं है. अगर राजनीति में वह भी आता, हम उसकी प्रशंसा कर रहे हैं. वह आसानी से विधायक बन सकता था, नेता बन सकता था. लेकिन उसने सीधे इनकार कर दिया और नीतीश जी को एक मुहावरा दे दिया परिवारवाद के खिलाफ परिवारवाद में है कौन. आपके जो बार-बार आप कह रहे हैं लेकिन तेजस्वी का चिराग का इमरजेंसी जो है वह बता रहा है कि नई पीढ़ी एग्जाम तैयार है, आप उसे जगह दीजिए नहीं जगह देंगे तो वह धसूर कर ले लेंगे.
सवाल: जिस तरह से आप कह रहे हैं कि नया आना चाहिए और नीतीश आपको उसी 15 का साल के डिस्कोर्स पर लाकर खड़ा कर रहे हैं कोका बता रहे हैं. लालू यादव को तो जिस तरह उत्तर प्रदेश में अखिलेश यादव ने अपने आज माफिया को किसी को नहीं दिया लेकिन आपने अपना टिकट अनंत सिंह को दिया, लवली सिंह को दिया तो आप कैसे जस्टिफाई करेंगे नीतीश ने जो कहा वह सही है?
जवाब: देखें देश की राजनीति में यह सब चल नहीं रहा है नीतीश कुमार को बोलने का कोई नैतिक अधिकार नहीं है. अनंत कुमार के साथ दंडवत करते हैं. उनके कई तस्वीर देखी जाती हैं. हम इसका समर्थन नहीं कर रहे हैं लेकिन कठिनाई क्या है आपको सरकार बनाने के लिए जिताऊ उम्मीदवार थे हैं. और ऐसा लगा होगा तेजस्वी को यह जिताऊ उम्मीदवार हैं सिर्फ और टिकट दें. नीतीश कुमार ने भी ऐसे लोगों को दिया था. अभी कविता जो सीवान की सांसद हैं उसका पति क्या है और शादी कराई उन्होंने उसके पति बदनाम नाम था तो कहा कि उसे टिकट नहीं देंगे तो कहा कि शादी कर लीजिए तो टिकट देंगे. तो पितृ पक्ष में शादी करेगी, शादी कराई, विधायक बनकर फिर सांसद बन गई. सब कुछ पितृपक्ष उसके लिए साधा गया पंडित जी. लोग बेवकूफ बन गए थे यह सब कहने की बात है.
सवाल: जिस तरह के भीड़ आ रही है तेजस्वी की सभा में उसे आप क्या पहले से उम्मीद थी या अचानक से सीन बदल रहा है?
जवाब: नहीं बिल्कुल नहीं कल मैंने जिस तरीके का वीडियो देखा जैसा भीड़ था तेजस्वी भाषण करके हेलीपैड की तरफ जा रहे थे और जैसे लगता है कि तूफान साइक्लोन आता है नदी का, ठीक उसी ढंग की तस्वीर उस वीडियो में दिखाई दे रही है. तो उस वीडियो में लोग बढ़े जा रहे हैं. अजब हेलीपैड पर पहुंच गया तो लोग इनरसर्किल तोड़कर पहुंच गए. तो अद्भुत लग रहा है. तो यह किसी खास जाति का नहीं है बल्कि सभी समुदाय का है और यह लग रहा है कि एक बहुत बड़ा तबका नीतीश कुमार को बदलना चाह रहा है.
सवाल : चिराग पासवान इस बार नए आए हैं रामविलास पासवान नहीं है बिहार कई दशकों बाद ऐसा चुनाव देख रहा है जिसमें रामविलास पासवान नहीं हैं उनका बेटा चिराग पासवान है. एक तरफ कहते हैं कि बीजेपी में सेंट्रल के साथ हैं, दूसरी तरफ जेडीयू के खिलाफ हैं तो इस राजनीति को किस तरह देख रहे हैं?
जवाब: देखें बहुत लोग यह सब देख रहे हैं कि यह बीजेपी का खेल है आरएसएस का खेल है. वह चाहते हैं कि हम इसी तरह नीतीश को किनारे लगा दें और इसीलिए देखिए कि आपके बगल में ही दिनारा में आरएसएस के पुराने कार्यकर्ता 30-40 साल तक जिन्होंने संघ की सेवा की है और भारतीय जनता पार्टी के उपाध्यक्ष रहे हैं, वह लोजपा में चले गए. इनका जो मौका वाला एमएलए था वह ज्वाइन कर लिया. इस तरह से पिछले तरफ से महागठबंधन बना था उस समय सभी सीटों पर बीजेपी लगी थी अब जब नीतीश कुमार के साथ गठबंधन बना तो बहुत लोगों को मौका नहीं मिला तो वह लोग जो है लोजपा का टिकट लेकर के चुनाव लड़ रहे हैं.
सवाल: अच्छा तो क्या आप लोगों का भी आपस में चल रहा है, क्योंकि कुछ दिन पहले तेजस्वी ने चिराग की तारीफ की फिर चिराग ने तेजस्वी की तारीफ की, क्या लगता है कि क्या कोई डोरा डाला जा रहा है अपनी तरफ करने के लिए?
जवाब: विकी डोरा होरा डालने की बात नहीं है. नीतीश को वह भी हटाना चाहते हैं और नीतीश की सरकार को तेजस्वी हटाना चाहते हैं तो एक तरह से दोनों का लक्ष्य एक है. इसलिए क्यों आलोचना करेंगे जहां जगह होगी वहां तारीफ ही करेंगे. बहुत लोग जहां तक यह अनुमान लगा रहे हैं कि चुनाव के बाद गठबंधन हो सकता है लेकिन हमको जहां तक दिखाई पड़ रहा है वहां तक यह है कि महागठबंधन को स्पष्ट बहुमत मिलेगा और उसने किसी के समर्थन की जरूरत नहीं है.