प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लोकनायक जयप्रकाश नारायण को उनकी जयंती पर श्रद्धांजलि दी है.
नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) ने बिहार चुनावों (Bihar Assembly Elections)से पहले लोकनायक जयप्रकाश नारायण को उनकी 118वीं जयंती पर भावभीनी श्रद्धांजलि दी है और कहा है कि उनके लिए राष्ट्र हित और लोगों का कल्याण ही सबसे ऊपर था. पीएम ने कहा कि जब लोकतंत्र पर हमला हुआ तो जेपी ने उसे बचाने के लिए बड़े आंदोलन का आह्वान किया था. पीएम ने सोशल मीडिया पर ट्वीट किया, "मैं लोकनायक जेपी को उनकी जयन्ती पर नमन करता हूं.. उन्होंने भारत की स्वतंत्रता के लिए बहादुरी से लड़ाई लड़ी और जब हमारे लोकतांत्रिक लोकाचार पर हमला हुआ, तो उन्होंने इसे बचाने के लिए एक मजबूत जन आंदोलन का नेतृत्व किया.. उनके लिए, राष्ट्रीय हित और लोगों के कल्याण से ऊपर कुछ भी नहीं था.."
जयप्रकाश नारायण (जेपी) भारतीय स्वतंत्रता सेनानी और एक राजनेता थे. देश में आजादी की लड़ाई से लेकर वर्ष 1977 तक तमाम आंदोलनों में जेपी का अहम भूमिका रही है. उन्हें पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के विरोध के लिए जाना जाता है. कहा जाता है कि उनके आंदोलन की वजह से इंदिरा गांधी का केंद्र की सत्ता गंवानी पड़ी थी. जेपी के आंदोलन की वजह से 1975 में इंदिरा गांधी ने देश में आपातकाल की घोषणा कर दी थी.
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लोकनायक जयप्रकाश नारायण का जन्म 11 अक्टूबर 1902 को बिहार के सिताबदियारा में हुआ था. उन्होंने समाज शास्त्र से एम. ए. किया था. उन्होंने अमेरिकी विश्वविद्यालय में आठ साल तक अध्ययन किया था. वहीं उन पर समाजवाद की गहरा रंग चढ़ा था. अमेरिका से वापस आने के बाद उनका संपर्क गांधी जी और जवाहर लाल नेहरु से हुआ. वे भारतीय स्वतंत्रता संग्राम का हिस्सा बने. 1932 में गांधी, नेहरु और अन्य महत्त्वपूर्ण कांग्रेसी नेताओं के जेल जाने के बाद,
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उन्होंने भारत में अलग-अलग हिस्सों में संग्राम का नेतृत्व किया. अन्ततः उन्हें भी मद्रास में सितम्बर 1932 में गिरफ्तार कर लिया गया और नासिक के जेल में भेज दिया गया. 1977 जेपी के प्रयासों से एकजुट विपक्ष ने इंदिरा गांधी को चुनाव में हरा दिया था.
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