पढ़िए, बिहार में पूर्ण शराबबंदी के बाद हर रोज नए-नए तरीके ढूंढ रहे हैं शराबी

पढ़िए, बिहार में पूर्ण शराबबंदी के बाद हर रोज नए-नए तरीके ढूंढ रहे हैं शराबी

प्रतीकात्मक फोटो

पटना:

पुलिस प्रशासन और उत्पाद विभाग जहां पूर्ण शराबबंदी को सफल बनाने के लिए राज्यभर में ताबड़तोड़ छापेमारी कर रहे हैं। वहीं बिहार के शराब कारोबारी और शराबी 'तू डाल-डाल तो मैं पात-पात' की कहावत को सच साबित करने में लगे हैं। शराब की लत की पूर्ति के लिए शराबी प्रतिदिन नए-नए तरीके ईजाद कर रहे हैं, जिसके प्रमाण पुलिस की छापेमारी के दौरान भी मिल रहे हैं। राज्य में शराब कारोबारियों ने जहां घरों के शौचालयों में शराब की बोतलें छिपाकर रखी हुई हैं। वहीं, कई लोग एम्बुलेंस के जरिए शराब की बोतलें ढो रहे हैं। सीमावर्ती क्षेत्रों में रहने वाले शराबी अन्य राज्यों में जाकर शराब की दो घूंट लगाकर मस्ती कर रहे हैं।

पुलिस मुख्यालय के एक अधिकारी ने बताया कि पूर्णिया में शराब ढोने के लिए एम्बुलेंस का सहारा लिया गया। पूर्णिया के बायसी के पास वाहन तलाशी अभियान के दौरान पश्चिम बंगाल से पूर्णिया की ओर जा रही एम्बुलेंस से शराब की बोतलें जब्त की गई। इस बीच, मधुबनी जिले के झंझारपुर में शौचालय से और जमीन में गड्ढा कर छिपाकर रखी गई 51 बोतल विदेशी शराब बरामद की गई हैं। औरंगाबाद जिले के अंबा के शराबी शाम होते झारखंड के पलामू जिले के छतरपुर और हरिहरगंज क्षेत्रों में शराब का सेवन करने के लिए पहुंच रहे हैं।

अंबा के खैरा गांव के रहने वाले एक शराबी ने नाम प्रकाशित नहीं करने की शर्त पर है, 'क्या करें बिहार में शराबबंदी है। आखिर जीने के लिए पीना जरूरी है।' वे कहते हैं कि गुरुवार को हम दो लोग साइकिल से हरिहरगंज गए और शराब पीकर वापस लौटे। इधर, सूत्रों का कहना है कि राज्य में शराबबंदी के बाद शराबी नशा करने के लिए भी कई नए तरीके अपना रहे हैं। कई शराबी नशे के लिए एक रुपए में मिलने वाले 'मोदक' का सेवन कर रहे हैं, तो कई 'क्यू फिक्स' का सेवन कर रहे हैं।

इस बीच, राज्य पुलिस मुख्यालय का दावा है कि शराबबंदी को लेकर पड़ोसी राज्यों से आने वाले वाहनों पर खासतौर से नजर रखी जा रही है। नेपाल, पश्चिम बंगाल, झारखंड व उत्तर प्रदेश की सीमाओं पर चौकसी बढ़ा दी गई है। पुलिस मुख्यालय, उत्पाद व मद्य निषेध विभाग के मुख्यालय में बने नियंत्रण कक्ष में शराब के अवैध धंधे के संबंध में सूचनाएं लगातार आ रही हैं। राज्य के अपर पुलिस महानिदेशक (मुख्यालय) सुनील कुमार ने शुक्रवार को बताया कि शराब के उत्पादन, बिक्री व इस्तेमाल पर रोक को कामयाब बनाने के लिए पुलिस ने विशेष अभियान शुरू कर रखा है। पिछले एक सप्ताह के भीतर 15 हजार से ज्यादा जगहों पर छापेमारी की गई है। बड़े पैमाने पर अवैध शराब की भट्ठियां ध्वस्त की गईं। देसी-विदेशी शराब सहित भारी मात्रा में 'स्प्रिट' भी बरामद की गई।

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सहायक उत्पाद आयुक्त ओम प्रकाश मंडल ने बताया कि राज्य में पूर्ण शराबबंदी के बाद से राज्यभर में कुल 655 छापेमारी हुई। इस दौरान 14,108 लीटर देसी, 2386 लीटर विदेशी शराब, 670 बीयर की बोतलें जब्त की गई। उन्होंने बताया कि एक से छह अप्रैल तक विभाग ने 3,785 स्थानों पर छापेमारी की और 378 मामले दर्ज किए गए। उल्लेखनीय है कि बिहार में मंगलवार से शराब पर पूरी तरह से पाबंदी लग गई। देसी और मसालेदार शराब की खरीद और बिक्री पर एक अप्रैल से ही पाबंदी लागू कर दी गई है। बिहार विधानसभा में 30 अप्रैल को शराबबंदी को लेकर 'बिहार उत्पाद संशोधन विधेयक 2016' सर्वसम्मति से पास हुआ।