फिर एक मंच पर नहीं दिखे नीतीश-लालू, 'कौन किसके साथ जाएगा' को लेकर अटकलों का बाजार गर्म

फिर एक मंच पर नहीं दिखे नीतीश-लालू, 'कौन किसके साथ जाएगा' को लेकर अटकलों का बाजार गर्म

पटना:

बिहार में विधानसभा चुनाव के नज़दीक आते ही राजनीतिक सरगर्मी भी बढ़ गई है। जनता परिवार के विलय पर तो पहले ही प्रश्नचिन्ह लग चुका है, अब आरजेडी और जेडीयू के बीच गठबंधन की सुगबुगाहट तेज़ हो गई है। नीतीश ने लालू यादव के साथ पटना के गांधी मैदान में मंच साझा नहीं करने से अटकलों को और हवा मिल गई है।

नीतीश के इस कदम से आगामी सितंबर-अक्टूबर में संभावित प्रदेश विधानसभा चुनाव में उनके साथ आने में आ रही अडचनों को लेकर जारी अटकलों को बढ़ावा ही मिल रहा है। वहीं, जेडीयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष शरद यादव ने पटना के गांधी मैदान में आयोजित निषाद महारैली में लालू के साथ मंच साझा कर इन दोनों दलों के बीच एकजुटता प्रदर्शित की।

उधर जेडीयू नेता और बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार सोमवार को गठबंधन पर अपना रुख साफ कर सकते हैं। साथ ही दोनों दलों में गठबंधन न होने की स्थिति में कांग्रेस के जेडीयू के साथ जाने की ख़बर पर भी नीतीश कुमार बयान दे सकते हैं।

जेडीयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष शरद यादव के साथ नीतीश और लालू के पटना के गांधी मैदान में रविवार को आयोजित निषाद महारैली में भाग लेने को आगामी सितंबर-अक्टूबर में बिहार विधानसभा चुनाव को लेकर उनकी एकजुटता के रूप में देखा जा रहा था।

नीतीश ने इसमें नहीं शामिल होने की घोषणा करते हुए बताया कि हाल में आंख की लेजर सर्जरी कराने के कारण वे उक्त रैली में भाग नहीं ले पा रहे हैं। वह इस रैली का उद्घाटन करने वाले थे।

अनुसूचित जाति एवं जनजाति के छात्रावास निर्माण कार्य की शुरुआत करने के बाद पत्रकारों द्वारा उक्त रैली में भाग लेने के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि आंख के ऑपरेशन के कारण उसमें शामिल नहीं होने के बारे में उसके आयोजकों को उन्होंने सूचित कर दिया है।

जनता परिवार के छह घटक दलों के विलय को लेकर शुरू किए गए प्रयास के बाद से ऐसा दूसरी बार हुआ जब लालू प्रसाद और नीतीश कुमार पटना के गांधी मैदान में आयोजित किसी रैली में मंच साझा कर पाने में विफल रहे हैं।

इससे पहले गत 19 अप्रैल को नीतीश ने पटना के गांधी मैदान में प्रजापति समुदाय द्वारा आयोजित रैली में लालू के साथ मंच साझा नहीं किया था, जिससे बिहार विधानसभा चुनाव के पूर्व जेडीयू और आरजेडी के विलय के साथ नीतीश और लालू के साथ आने को लेकर अटकलें लगायी जाने लगी थीं।

रैली के बाद लालू प्रसाद से पत्रकारों द्वारा नीतीश कुमार के शामिल नहीं होने के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने उसे कम महत्व देते हुए कहा कि वह आंख के ऑपरेशन के कारण इस रैली में भाग नहीं ले सके। रैली के दौरान लालू और शरद ने बिहार विधानसभा चुनाव में आपस में एकजुटता और साथ मिलकर बीजेपी को पराजित करने का दावा किया।

लालू ने ‘मंडल कार्ड’ खेलते हुए पिछडी जातियों से बीजेपी को पराजित करने के लिए 1990 के शुरुआती दौर की तरह एकजुट होने की अपील की। उन्होंने कहा कि मंडल शक्ति को कमंडल (बीजेपी) को पराजित करने के लिए एकजुट होना चाहिए, जिसने हमारे बिखराव का फायदा उठाकर तथा हमसे झूठे वादे कर सत्ता में आ गयी।

लालू ने मल्लाह (मत्स्य पालक) समुदाय के लोगों से कहा कि उन्होंने ने ही 90 के शुरुआती दशक में उन्हें तथा अन्य पिछडी और अति पिछड़ी जातियों को सामाजिक न्याय के अपनी आवाज उठाने की शक्ति दी थी।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर झूठे वादे के जरिए सत्ता में आने का आरोप लगाते हुए लालू ने कहा कि उन्होंने सत्ता में आने के एक महीने के भीतर कालाधन को देश में वापस लाकर सभी गरीब के बैंक खाते में 15.5 लाख रुपये जमा कराने तथा पांच करोड़ रोजगार सृजन का वादा किया था। मगर उनकी सरकार के एक साल बीत गए और अपना वादा पूरा करने के बजाय उनकी पार्टी अब उसे चुनावी ‘जुमला’ बता रही है।

लालू ने कहा कि नरेंद्र मोदी ने चुनाव जीतने के लिए स्वयं को ट्रेन में चाय बेचने वाला बताकर प्रचारित किया पर अपनी गरीबी के दौर में उन्होंने भी चाय बेची और कभी-कभी रिक्शा खींचा पर कभी भी उसका जिक्र कर राजनीतिक लाभ उठाने की कोशिश नहीं की।

उन्होंने मोदी सरकार के हर मोर्चे पर विफल रहने का आरोप लगाते हुए कहा कि अपनी विफलता से लोगों का ध्यान हटाने के लिए एक बार फिर राम मंदिर की बात करनी शुरू कर दी है।

लालू प्रसाद ने बीजेपी और आरएसएस पर वोट के लिए समाज में सांप्रदायिक तनाव उत्पन्न करने के लिए गाय की चर्चा करने का आरोप लगाते हुए कहा कि ये लोग गाय के नाम पर ढोंग करने और केवल दिखावा के लिए उसकी चर्चा करते हैं, उससे उन्हें कोई प्रेम और लगाव नहीं है। निषाद रैली के बाद भूमि अधिग्रहण बिल पर फिर अध्यादेश लाने के केंद्रीय कैबिनेट निर्णय से जुडे एक प्रश्न का उत्तर देते लालू ने कहा कि हम सूई के नोंक भर किसानों की जमीन उनको लेने नहीं देंगे और इसके लिए ‘महाभारत’ छेड़ देंगे।

उन्होंने बीजेपी, आरएसएस और विश्व हिंदू परिषद पर देश में लोगों के बीच सांप्रदायिक उन्माद फैलाने के लिए लोगों को भड़काने का आरोप लगाते हुए कहा कि जेडीयू और आरजेडी का गठबंधन होकर रहेगा।

रैली को संबोधित करते हुए जेडीयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष शरद यादव ने लालू की तरफ इशारा करते हुए कहा कि हम दोनों विधानसभा चुनाव साथ लड़ेंगे और बिहार से ही देश को बीजेपी से मुक्ति दिलाने के लिए रास्ता बनाएंगे।

उन्होंने बीजेपी पर देश में भ्रम फैलाकर और झूठ का सहारा लेकर सत्ता में आने का आरोप लगाते हुए दोनों (जेडीयू और आरजेडी) के बीच ऐसी एकता होगी जो देश को मुक्ति (बीजेपी) का रास्ता दिखाएगी।

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निषाद रैली को आयोजित करने में प्रमुख भूमिका निभा रहे बिहार के पशु एवं संसाधन मंत्री बैद्यनाथ सहनी ने अपने समुदाय के लोगों से आगामी बिहार विधानसभा चुनाव में बीजेपी को पराजित करने के लिए नीतीश और लालू को शक्ति प्रदान करने की अपील की।