अब मैं फिर बेखौफ जीवन शुरू कर सकती हूं, न्यायपालिका पर यकीन बढ़ा : बिलकिस बानो

अब मैं फिर बेखौफ जीवन शुरू कर सकती हूं, न्यायपालिका पर यकीन बढ़ा : बिलकिस बानो

बिलकिस को मिला न्याय

मुंबई:

बॉम्बे हाईकोर्ट ने बिलकिस बानो मामले में 11 दोषियों की उम्रकैद की सज़ा को बरकरार रखा है. सभी आरोपियों ने ट्रायल कोर्ट के फैसले के खिलाफ बॉम्बे हाईकोर्ट में अपील की थी. बॉम्बे हाईकोर्ट ने 3 दोषियों को फांसी देने की सीबीआई याचिका भी खारिज कर दी है.  जिन आरोपियों को ट्रायल कोर्ट ने दोषी माना उन्हें हाईकोर्ट ने भी दोषी माना है. कोर्ट ने 7 लोगों को बरी किए जाने के फैसले को भी पलट दिया है. इनमें डॉक्टर और पुलिसवाले शामिल हैं. इनपर सबूतों से छेड़छाड़ का आरोप है.

इस फैसले को लेकर बिलकिस बानो का बयान आया है. इस फैसले से न्यायपालिका में भरोसा बहाल हुआ है. इस फैसले ने मेरी सच्चाई का मान रखा है. नागरिक, औरत और मां के तौर पर मेरे हक बेरहमी से कुचले गए. मगर देश के लोकतंत्र पर मैंने यक़ीन किया. अब मैं बेखौफ जीवन फिर से शुरू कर सकती हूं. राज्य के जिन अफ़सरों ने मुजरिमों को बचाया, वे बच नहीं पाए, इसकी ख़ुशी है. इंसाफ़, बराबरी और सम्मान की लड़ाई में लोगों का साथ दें. सबसे मेरी अपील है कि धर्मनिरपेक्ष चरित्र में देश का भरोसा बनाए रखें. इस फ़ैसले से नफ़रत खत्म नहीं हुई है, मगर इंसाफ़ पर यक़ीन पुख़्ता हुआ है. मेरी लड़ाई बहुत लंबी, न ख़त्म होने वाली रही है. मगर आप जब सच के साथ होते हैं तो आपको इंसाफ़ मिलता है.

बिलकिस बानो केस 
2002 : गुजरात दंगों के दौरान 19 साल की बिलकिस का बलात्कार 
पीड़ित उस वक्त 5 महीने की गर्भवती थी
अपराधियों ने बिलकिस के परिवार के 14 लोगों की हत्या की 
25 मार्च 2003: मजिस्ट्रेट कोर्ट ने सबूतों के आभाव में केस बंद किया
दिसंबर 2003: सुप्रीम कोर्ट ने CBI जांच के आदेश दिए 
अगस्त 2004: निष्पक्ष सुनवाई के लिए मामला मुंबई ट्रायल कोर्ट को सौंपा 
जनवरी 2008: 12 लोग बलात्कार, हत्या के लिए दोषी करार 
जनवरी 2008: 2 डॉक्टर और 6 पुलिसकर्मी रिहा कर दिए गए 
11 लोगों को उमक़ैद की सज़ा 
CBI ने तीन अपराधियों को फ़ांसी देने की अपील की 
बचाव पक्ष ने उम्रकैद के ख़िलाफ़ अपील की 
 


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