प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ट्वीट करते हुए कहा, "झारखंड की जनता को राज्य के स्थापना दिवस की बहुत-बहुत बधाई. मेरी कामना है कि झारखंड प्रगति की नित नई ऊंचाइयों को छुए और भगवान बिरसा मुंडा के समृद्ध, सशक्त और खुशहाल राज्य के सपने को साकार करे."
राष्ट्रपति रामनाथ ने ट्वीट करते हुए कहा, "जोहार झारखंड! स्थापना दिवस के अवसर पर झारखंड की जनता को बधाई और शुभकामनाएं. झारखंड, प्रभूत प्राकृतिक संसाधनों और समृद्ध संस्कृति वाला राज्य है, जिस पर हम सभी को गर्व है. मेरी कामना है कि भगवान बिरसा मुंडा के आशीर्वाद से झारखंड प्रगति की नई ऊंचाइयां प्राप्त करें."
उपराष्ट्रपति वैंकया नायडू ने भी झारखंड स्थापना दिवस की बधाई देते हुए ट्वीट किया, "झारखंड के स्थापना दिवस के अवसर पर सभी प्रदेशवासियों को हार्दिक बधाई और शुभकामनाएं देता हूं. यह प्रदेश सांस्कृतिक और प्राकृतिक रूप से समृद्ध प्रांत है. आप सभी के सुखी और समृद्ध भविष्य की कामना करता हूं."
कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी ने भी बिरसा मुंडा को याद करते हुए उनके जल, जंगल और आदिवासियों की पहचान के लिए ब्रिटिश सत्ता के खिलाफ संघर्ष को याद किया. उन्होंने ट्वीट करते हुए कहा, "जल, जंगल, जमीन और आदिवासी अस्मिता के लिए संघर्ष कर अंग्रेजों के दांत खट्टे कर दिए. आपने कहा कि आदिवासियों के जल, जंगल, जमीन से जुड़े फ़ैसले आदिवासी लेंगे. आदिवासी महानायक और स्वतंत्रता सेनानी भगवान बिरसा मुण्डा को उनकी जयंती पर शत शत नमन. #धरतीआबा_बिरसामुंडा."
बिरसा मुंडा की मौत महज 25 साल की उम्र में हो गई थी. उन्होंने अंग्रेजी हुकूमत के खिलाफ आदिवासियों को एकजुट किया. उन्होंने नारा दिया, "अबुआ राज छेत्र जाना, महारानी राज टुंडी जाना", जिसका मतलब है, चलो महारानी का राज खत्म करते हैं और अपना साम्राज्य स्थापित करते हैं. इस नारे ने ब्रिटिश राज की चूल्हें हिला दीं.
बिरसा मुंडा को 3 मार्च 1900 को उस वक्त ब्रिटिश सेना ने गिरफ्तार कर लिया जब वह अपनी गुरिल्ला आर्मी के साथ झारखंड के जंगल में सो रहे थे. 9 जून 1900 को रांची जेल में उनकी रहस्यमयी मौत हो गई. अंग्रेजों का दावा था कि बिरसा मुंडा हैजे की वजह से मारे गए, जबकि कहा जाता है कि उनमें इस रोग के कोई लक्षण दिखाई नहीं दिए थे. बिरसा मुंडा के नाम पर ही उस जेल का नाम रखा गया है.
झारखंड के लोग बिरसा मुंडा को भगवान का अवतार मानते हैं. लोगों का मानना था कि उनके छूने मात्र से ही कई गंभीर रोगों का नाश हो जाता हैं. हालांकि बिरसा मुंडा हमेशा ही अंधविश्वासों का खंडन करते थे और लोगों को हिंसा और मादक पदार्थों से दूर रहने की सलाह देते थे.