उज्ज्वला योजना की आठ करोड़वीं लाभार्थी नया गैस कनेक्शन मिलने पर पकाएगी बिरयानी

अजंता गांव में पांच बच्चों की मां इस दिहाड़ी मजदूर के लिए खाना पकाने के लिए आसपास की जगहों से सूखी लकड़ियां जुटाना अब बीते दिनों की बात हो गई है.

उज्ज्वला योजना की आठ करोड़वीं लाभार्थी नया गैस कनेक्शन मिलने पर पकाएगी बिरयानी

प्रतीकात्मक फोटो

नई दिल्ली:

घरेलू गैस से खाना पकाना भले की कई लोगों के लिए बड़ी बात नहीं हो लेकिन महाराष्ट्र में उज्ज्वला योजना की आठ करोड़वीं लाभार्थी आयशा शेख के लिए नया गैस कनेक्शन मिलना किसी जश्न से कम नहीं है और ऐसे में उसके लिए 'बिरयानी' से कम क्या विकल्प हो सकता है. अजंता गांव में पांच बच्चों की मां इस दिहाड़ी मजदूर के लिए खाना पकाने के लिए आसपास की जगहों से सूखी लकड़ियां जुटाना अब बीते दिनों की बात हो गई है. मराठवाड़ा क्षेत्र के औरंगाबाद जिले की आयशा और रफीक शेख महत्वाकांक्षी प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना की आठ करोड़वीं लाभार्थी बनी हैं. 

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योजना के तहत गरीबी रेखा से नीचे जीवन यापन करने वाले परिवारों की महिलाओं को एलपीजी कनेक्शन मिलता है. शनिवार को शेख को औरंगाबाद में एक कार्यक्रम में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उज्ज्वला योजना प्रमाणपत्र सौंपा. मोदी स्वयं सहायता समूह की महिलाओं की बैठक 'महिला सक्षम मेलवा' को संबोधित करने और 10000 एकड़ क्षेत्र में फैले औरंगाबाद औद्योगिक शहर उद्घाटन करने के लिए शहर में थे. यह देश का पहला हरित औद्योगिक स्मार्ट सिटी है. प्रमाणपत्र मिलने के बाद आयशा ने कहा, 'सिलेंडर और स्टोव मिलने के बाद पहली बात, मैं जो करूंगी वह है, बिरयानी पकाऊंगी. मैं खुश हूं क्योंकि इस नये कनेक्शन से मेरी मेहनत बच जाएगी.' उसने कहा कि वह खाना पकाने के लिए लकड़ियों पर निर्भर थी जो बहुत मेहनत वाला रोजमर्रा का काम है और उसमें बहुत वक्त लग जाता है. 

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आयशा ने कहा, 'मुझे आसपास की जगहों से सूखी लकड़ियां लानी होती थीं जो बड़ा श्रमसाध्य था. अब मुझे राहत होगी क्योंकि मैं कम वक्त में खाना बना सकती हूं.' शनिवार को सरकार ने निर्धारित समय-सीमा से करीब सात महीने पहले आठ करोड़ गरीबों को मुफ्त रसोई गैस कनेक्शन देने के लक्ष्य को हासिल कर लिया. यह योजना एक मई, 2016 को शुरू की गई थी. पहले मार्च, 2019 तक पांच करोड़ देने का लक्ष्य रखा गया था, जिसे बढ़ाकर 2020 तक आठ करोड़ कर दिया गया.