यह ख़बर 02 सितंबर, 2013 को प्रकाशित हुई थी

क्यों हटाई गईं प्रधानमंत्री और नेता प्रतिपक्ष की टिप्पणियां : भाजपा

वेंकैया नायडू का फाइल फोटो

खास बातें

  • रुपये के अवमूल्यन और देश की अर्थव्यवस्था पर 31 अगस्त को राज्यसभा में हुई बहस के दौरान प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह और विपक्ष के नेता अरुण जेटली की कुछ टिप्पणियां रिकॉर्ड से हटाए जाने का मुद्दा सोमवार को उच्च सदन में उठा और सभापति हामिद अंसारी ने आश्वासन दिया
नई दिल्ली:

रुपये के अवमूल्यन और देश की अर्थव्यवस्था पर 31 अगस्त को राज्यसभा में हुई बहस के दौरान प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह और विपक्ष के नेता अरुण जेटली की कुछ टिप्पणियां रिकॉर्ड से हटाए जाने का मुद्दा सोमवार को उच्च सदन में उठा और सभापति हामिद अंसारी ने आश्वासन दिया कि वह पूरे रिकॉर्ड की जांच करेंगे।

बैठक शुरू होने पर भाजपा के एम वेंकैया नायडू ने कहा कि शुक्रवार को रुपये के अवमूल्यन और देश की आर्थिक स्थिति पर प्रधानमंत्री ने सदन में वक्तव्य दिया था। इस पर सदस्यों ने स्पष्टीकरण भी पूछे थे। उसी शाम राज्यसभा सचिवालय ने मीडिया को संदेश दिया कि रुपये के अवमूल्यन पर हुई बहस के दौरान जेटली के भाषण के कुछ शब्द हटा दिए गए हैं।

नायडू ने कहा, ‘‘बहस पर प्रधानमंत्री के जवाब से भी एक शब्द हटा दिया गया जबकि यह सब कुछ टेलीविजन पर पूरे दिन प्रसारित होता रहा था। इसके बाद जरूरी हिस्सों को क्यों हटाया गया और किसके कहने पर हटाया गया। यह सब कैसे हुआ।’’

सभापति ने कहा कि वह इस मुद्दे को देखेंगे। भाजपा के रविशंकर प्रसाद ने कहा कि राज्यसभा सचिवालय ने टेलीविजन चैनलों को फोन कर कहा कि कुछ टिप्पणियों का प्रसारण न किया जाए।

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इसी पार्टी की नजमा हेपतुल्ला ने कहा कि किसी भी सदस्य की टिप्पणी को कार्यवाही से हटाने की प्रक्रिया होती है। इसे पहले आसन के संज्ञान में लाया जाता है। आसन की सहमति मिलती है और सभापति के हस्ताक्षर होते हैं जिसके बाद टिप्पणी को कार्यवाही से हटाया जाता है। अंसारी ने कहा कि वह पूरे रिकॉर्ड की जांच करेंगे।