पिछड़ों के साथ अमित शाह का भोजन, मायावती ने बताया नाटक तो अखिलेश ने कसा तंज

पिछड़ों के साथ अमित शाह का भोजन, मायावती ने बताया नाटक तो अखिलेश ने कसा तंज

भाजपा कार्यकर्ता के घर भोजन करते अमित शाह

वाराणसी:

बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह मंगलवार को वाराणसी के जोगियापुर में पिछड़ों के साथ भोजन करने पहुंचे। 2017 में होने वाले यूपी चुनावों के मद्देनजर उनका यह कदम काफी महत्वपूर्ण माना जा रहा है।

दलित और पिछड़ों के वोट बैंक पर नजर
2017 विधानसभा चुनाव से पहले दलितों और अति पिछड़ों को अपने पाले में करने के लिए भाजपा की तरफ से यूनीक फॉर्मुला निकाला गया है या फिर यूं कहें कि कांग्रेस की राह पर चलते हुए बीजेपी यूपी में सभी दलों के वोट बैंक में सेंध लगाने की तैयारी में है। बीजेपी अति खुद को पिछड़ों और दलितों का हितैषी बताने के लिए अब उनके घर जाकर उनकी रसोई में बने खाने का स्वाद चख रही है। खुद पीएम नरेंद्र मोदी भी बनारस के सिर गोवर्धन में सन्त रविदास मंदिर में रैदासियों के संग लंगर चख कर दलितों को अपना बनाने का प्रयास कर चुके हैं। मंगलवार को वाराणसी के सेवापुरी विधानसभा के जोगियापुर गांव में अमित शाह ने बिंद समुदाय के लोगों के साथ भोजन किया जिससे समुदाय के लोग बेहद खुश दिखाई दिए।

भाजपा के कदम पर विरोधियों की नजर
भाजपा के इस कदम पर विरोधियों की न सिर्फ नज़र है बल्कि उनका कहना है कि बीजेपी हमेशा से राहुल गांधी के दलितों के साथ भोजन करने को लेकर सवाल उठाती रही और अब बीजेपी खुद उसी राह पर चल रही है। हालांकि ऐसी प्रतिक्रिया पर बीजेपी ने स्पष्ट करते हुए कहा कि सभी सियासी दलों ने सिर्फ दलितों की राजनीति की है मगर उनका विकास नहीं किया। बीजेपी सबका साथ सबका विकास की मानसिकता रखने वाली पार्टी है इसलिए हमने हर वर्ग के लोगों को साथ लेकर चलने के लिए ये कार्यक्रम आयोजित किए हैं।

खाना खाने का नाटक कर रहे हैं : मायावती
मायावती ने इस पर तुरंत प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि वह खाना खाने का नाटक कर रहे हैं।

अखिलेश का अमित शाह पर तंज
इससे पूर्व अखिलेश यादव ने अमित शाह के अति पिछड़ों और दलितों के साथ भोजन करने पर तंज कसा। उन्होंने कहा कि संदेश देने के लिए खुद उन्होंने भी मजदूरों के साथ खाना खाया था, लेकिन उनकी जाति नहीं पूछी थी।

जाति और वर्ग के आधार पर जनता के बीच न जाएं
अखिलेश ने राज्य मंत्रिपरिषद की बैठक के बाद संवाददाताओं से बातचीत में एक सवाल पर कहा कि चुनावी मौसम में संदेश देने के लिये कई तरह के काम किये जाते हैं लेकिन पार्टियों को काम के आधार पर जनता के बीच जाना चाहिये, जाति या वर्ग के आधार पर नहीं।

उन्होंने कहा, 'प्रदेश में चुनाव आ रहा है। चुनाव में संदेश देना है तो स्नान भी करेंगे। संदेश देना है तो मजदूर भाइयों के साथ भी खाना खाना है। हमने भी मजदूरों के साथ खाना खाया है, लेकिन बगल में बैठी औरत की जाति नहीं पूछी थी। हम जाति वर्ग के आधार पर चीजों को नहीं देखते। जनता में काम के आधार पर जाना चाहिये, उपलब्धियों के आधार पर जाना चाहिये। यह हमारा लोकतंत्र है, संविधान है।'

बीजेपी ने कहा, ये हमारी परंपरा का हिस्‍सा
वहीं बीजेपी ने अखिलेश यादव के बयान पर प्रतिक्रिया व्‍यक्‍त करते हुए कहा है कि जिसके घर पार्टी अध्‍यक्ष अमित शाह ने भोजन किया वो पार्टी का ही कार्यकर्ता है और पार्टी कार्यकर्ता के घर रुकना और भोजन करना संगठन की कार्यपद्धति का हिस्‍सा है। प्रदेश बीजेपी अध्‍यक्ष केशव प्रसाद मौर्य ने कहा कि पार्टी अध्‍यक्ष अमित शाह का भाजपा कार्यकर्ता गिरिजा प्रसाद बिंद के घर भोजन करना हमारी इसी परंपरा का हिस्‍सा है और इसे राजनीतिक रंग देना सही नहीं है।

(इनपुट्स एजेंसी से भी)


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